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राफेल मामले पर फिर कैग पहुंची कांग्रेस, फॉरेंसिक ऑडिट करने और तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने की मांग

राफेल डील को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रही कांग्रेस के सीनियर नेता गुरुवार को एक बार...
राफेल मामले पर फिर कैग पहुंची कांग्रेस, फॉरेंसिक ऑडिट करने और तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने की मांग

राफेल डील को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रही कांग्रेस के सीनियर नेता गुरुवार को एक बार फिर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) पहुचें। उन्होंने मांग की कि मामले में 'फॉरेंसिक ऑडिट' किया जाए और सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाया जाए ताकि संसद जवाबदेही तय कर सके। पार्टी नेताओं ने राफेल के पूरे ब्यौरे के साथ एक ज्ञापन भी कैग को सौंपा। साथ ही फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस कथित बयान का खासतौर पर हवाला दिया कि 'ऑफसेट साझेदार' के तौर पर अनिल अंबानी की कंपनी का नाम केंद्र सरकार ने सुझाया था।

मुलाकात के बाद पार्टी के सीनियर नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'इस मामले में कुछ नए खुलासे हुए हैं। पहला खुलासा फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का है जिससे हमारी इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर ठेका बदलवाया और दूसरे रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सौदे को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी।' उन्होंने कहा, ‘हमने कहा है कि इस मामले से जुड़े हर दस्तावेज की कैग द्वारा छानबीन की जाए। सारे रिकॉर्ड सामने आने के बाद हम संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच पर जोर देंगे।’ उन्होंने कहा कि कैग के पास संवैधानिक अधिकार है और हर दस्तावेज की छानबीन करने को अधिकृत है, ऐसे में यह आशा की जाती है कि वह 'फॉरेंसिक ऑडिट' करेगा। साथ ही सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाए ताकि संसद राफेल घोटाले में जवाबदेही तय कर सके।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, आरपीएन सिंह और विवेक तन्खा शामिल थे। कैग को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा, ‘हमारा यह साफ तौर पर मानना है कि इस पूरी साजिश, भ्रष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और सांठगांठ वाले पूंजीवाद के सभी पहलुओं का खुलासा जेपीसी की जांच से हो सकता है।

डील से जुड़ी फाइलें जब्त की जाएं

पिछली 24 सितंबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राफेल मामले में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के वी चौधरी से मुलाकात की थी और कहा था कि यह 'रक्षा क्षेत्र का सबसे बड़ा घोटाला' है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सारे रिकॉर्ड की छानबीन की जाए। साथ ही कहा था कि इस डील  से जुड़े सारे कागजात और फाइलें जब्त की जाएं क्योंकि इनको नष्ट किए जाने की संभावना है।

कांग्रेस का यह है आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डिसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत ज्यादा है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डील को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिलवाया गया।

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