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कांग्रेस का पलटवार, पीएम ‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करें

देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है, लेकिन इसी...
कांग्रेस का पलटवार, पीएम ‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करें

देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है, लेकिन इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर हुई मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में गैर बीजेपी शासित राज्यों पर बड़ा आरोप लगा दिया।

पीएम मोदी की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की अपील को लेकर अब कांग्रेस ने उन पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री को ‘जुमला और ध्यान भटकाने' की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में थी।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती करे।

बता दें कि कोरोना की स्थिति पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब केंद्र की तरफ से राज्यों से कहा गया था कि पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करें तो कई राज्यों ने ऐसा नहीं किया। अब पीएम मोदी के इस आरोप का विपक्ष ने जवाब दिया है।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं। कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है।'

सुरजेवाला ने लिखा, मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई डिस्ट्रैक्शन नहीं और कोई जुमले नहीं... कांग्रेस के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर थी और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर... लेकिन मोदी सरकार के दौर में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। इस हिसाब से सरकार तुरंत पेट्रोल और डीजल पर 18 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम करे।

कांग्रेस नेता ने आग्रह किया, ‘कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करिये।'

सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए। उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी।

उन्होंने कहा, ‘आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर है।'

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