इंडिया गठबंधन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को आगामी 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार चुना। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद यह घोषणा की।
बता दें कि बी सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "वह 21 अगस्त को नामांकन करेंगे। कल सभी विपक्षी दलों के सांसद एक बजे सेंट्रल हॉल में बैठक कर रहे हैं।"
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "आम आदमी पार्टी सहित सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं।"
खड़गे ने उपराष्ट्रपति पद की लड़ाई को एक वैचारिक लड़ाई बताया और न्यायमूर्ति रेड्डी की उम्मीदवारी के समर्थन में एकजुट विपक्ष को धन्यवाद दिया।
खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, "उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं और यही कारण है कि हमने बी सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।"
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने न्यायमूर्ति रेड्डी की सराहना करते हुए उन्हें देश के "सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों" में से एक बताया। उन्होंने न्यायमूर्ति रेड्डी को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का एक निरंतर और साहसी समर्थक माना।
उन्होंने कहा, "बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और उत्कृष्ट कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य शामिल है।"
उन्होंने कहा, "वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। वे एक गरीब व्यक्ति हैं और यदि आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने किस प्रकार गरीब लोगों का पक्ष लिया और संविधान तथा मौलिक अधिकारों की रक्षा की।"
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई, 1946 को हुआ था और वे 27 दिसंबर, 1971 को हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे।
न्यायमूर्ति रेड्डी ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट और सिविल मामलों में प्रैक्टिस की है और 1988-90 के दौरान उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में काम किया है।
उन्होंने 1990 में 6 महीने तक केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। 2 मई, 1995 को उन्हें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
न्यायमूर्ति रेड्डी 5 दिसंबर 2005 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए। इसके बाद 12 जनवरी 2008 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति रेड्डी 8 जुलाई 2011 को सेवानिवृत्त हुए। बी सुदर्शन रेड्डी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
चुनाव आयोग ने पहले घोषणा की थी कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।
बता दें कि 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया था। उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सांसद शामिल होते हैं।
उपराष्ट्रपति के चुनाव संविधान के अनुच्छेद 64 और 68 के प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं। चुनाव आयोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 द्वारा उपराष्ट्रपति चुनावों को अधिसूचित करता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त मतदान द्वारा होगा।