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कांग्रेस का आरोप- नोटबंदी में शामिल थे भाजपा नेता, चला कमीशन का खेल

कांग्रेस ने एक बार फिर दावा किया है कि नोटबंदी बड़ा घोटाला था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता...
कांग्रेस का आरोप- नोटबंदी में शामिल थे भाजपा नेता, चला कमीशन का खेल

कांग्रेस ने एक बार फिर दावा किया है कि नोटबंदी बड़ा घोटाला था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने वीडियो जारी कर कहा कि पुराने नोटों की अदला-बदली के दौरान गड़बड़ी करने के संदेह में कैबिनेट सचिवालय में तैनात एक कर्मचारी को बर्खास्त किया गया। इससे साबित हो गया है कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला है और इसको लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, उसकी जांच होनी चाहिए।

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कपिल सिब्बल ने एक बार फिर स्टिंग दिखाया जिसमें बड़े पैमाने पर पुराने नोट बदलते हुए दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि गुजरात में भाजपा कार्यालय से मिले निर्देश के आधार पर 31 दिसम्बर 2016 के बाद 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट किस तरह अवैध रूप से बदले गए। इस काम में भाजपा नेताओं के साथ ही बैंक के रिटायर्ड अफसर और पुलिस अफसर शामिल थे।

'कैबिनेट सचिवालय ने जारी किया बयान'

उन्होंने कहा कि इससे पहले हमने 9 अप्रैल को एक स्टिंग में नोटबंदी के घोटाले का खुलासा किया था। उस खुलासे में राहुल एस. रथरेकर की कथित संलिप्तता का संकेत दिया था। इस खुलासे के तुरंत बाद कैबिनेट सचिवालय ने बयान जारी किया, 'राहुल एस. रथरेकर कैबिनेट सचिवालय के एक कांस्टेबल स्तर के कर्मचारी थे। पुरानी मुद्रा नोटों के अदला-बदली में उनकी भूमिका के संदेह के बाद उन्हें जून, 2017 में पांच साल की सेवा के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।'

'साबित हुआ नोटबंदी का खेल'

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के इस कदम से यह साबित हो गया कि नोटबंदी के बाद बड़ा खेल किया गया। सवाल यह है कि जब राहुल रथरेकर सेवा से बर्खास्त किया गया, उस समय उसे गिरफ्तार और उसकी जांच क्यों नहीं की गई ? सरकार के पास क्या सबूत थे जिसके आधार पर उन्होंने कथित धन की अदला-बदली में राहुल रथेकर की भागीदारी पर संदेह किया? क्या बर्खास्तगी से पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कथित रूप से इस राष्ट्रीय लूट में शामिल साजिशकर्ताओं की पहचान करने के लिए राहुल रथरेकर की गतिविधियों की पूरी तरह से जांच क्यों नहीं की गई।

'भाजपा नेताओं के इशारे पर बदले गए नोट'

कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटबंदी के बाद जो खुलासे हुए हैं उनसे साफ है कि पुराने नोटों को अवैध रूप से बदलने का काम भाजपा के बड़े नेताओं के इशारे पर हुआ है। इसमें कई बड़े अधिकारी और पूर्व बैंकर शामिल थे। उन्होंने कहा कि स्टिंग में भाजपा कार्यालय में तैनात एक कार्यकर्ता भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का फोटो लहराते हुए कह रहा है कि डरने की बात नहीं है। सौ, दो सौ या पांच सौ करोड़ जितने भी हैं सब बदले जाएंगे और किसी का बाल भी बांका नहीं होगा।

'पुलिस अफसर भी थे शामिल'

कांग्रेस नेता ने अन्य वीडियो में दिखाया कि नोटबंदी के दौरान मुंबई में कृषि मंत्री के दफ्तर में उस समय के डीसीपी वाडेकर कुछ लोगों को लेकर पहुंचे थे, जहां पर पुराने नोटों को बदलने की डील हुई थी। कपिल सिबब्ल ने कहा कि नटोबंदी के दौरान भाजपा ने बड़े पैमाने पर पुराने नोट 15 से 40 प्रतिशत कमीशन लेकर नोट बदलवाए थे। वीडियो से सारी सच्चाई सामने आ गई है। बावजूद इसके मोदी सरकार किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है और न ही किसी जांच के आदेश के आदेश दिए गए हैं।

 


 

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