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जेटली पर चिदंबरम का पलटवार, क्या सरकार से सहमत लोग जी हुजूरी करने वाले हैं

आर्थिक बढ़ोतरी के आंकड़ों में सरकार के हस्तक्षेप का आरोप लगाने वाले 108 अर्थशास्त्रियों पर वित्त...
जेटली पर चिदंबरम का पलटवार, क्या सरकार से सहमत लोग जी हुजूरी करने वाले हैं

आर्थिक बढ़ोतरी के आंकड़ों में सरकार के हस्तक्षेप का आरोप लगाने वाले 108 अर्थशास्त्रियों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निशाना साधने के बाद पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने  पलटवार किया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार से सहमति जताने वाले लोग जी हुजूरी करने वाले हैं।

चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, जेटली जी के मुताबिक, जो सरकार से असहमति रखता है उसकी फितरत ही विरोध करने वाली है। क्या हम यह कह सकते हैं कि जो सरकार से सहमत है वो उनके मालिक की जी हुजूरी करने वाला है?

जेटली ने अर्थशास्त्रियों के कथन को बताया था 'फर्जी'

जेटली ने 108 अर्थशास्त्रियों की मंगलवार को आलोचना करते हुए उनके कथन को ‘फर्जी’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि उल्टी बातें करना इनकी फितरत रही है और ये मौजूदा सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर राजनीति के तहत गढ़े गए ज्ञापनों पर कई बार हस्ताक्षर कर चुके हैं।

कांग्रेस ने आंकड़ें छिपाने का लगाया था आरोप

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सच छिपाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रोजगार से जुड़े आंकड़े कहीं सार्वजनिक न हो जाएं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘नरेंद्र मोदी सच छिपाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रोजगार से जुड़े आंकड़े कहीं सार्वजनिक न हो जाएं।‘

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था, ' उस पार्टी को सत्ता से बाहर करिये जो आंकड़ों में छेड़छाड़ करके अपनी व्यापक विफलताओं को छिपाती है।' उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्रियों और समाज शास्त्रियों ने आर्थिक आंकड़ों में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर चिंता जतायी है तथा 108 विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान में सांख्यिकी संगठनों की ‘संस्थागत स्वतंत्रता’ बहाल करने का आह्वान किया है।

साझा पत्र कर अर्थशास्त्रियों ने जताई चिंता

108  अर्थशास्त्रियों और समाज शास्त्रियों पिछले दिनों एक साझा पत्र जारी कर देश में सांख्यिकी आंकड़े को प्रभावित करने में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर चिंता जतायी थी। इनमें आईआईएम-ए के राकेश बसंत, अमेरिका के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय) के जेम्स बॉयस, हार्वर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका की एमिली ब्रेजा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सतीश देशपांडे, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय कनाटा के पैट्रिक फ्रैंसिसिस, टिस मुंबई के आर रामकुमार, आईआईएम-बी के स्वामीनाथन और जेनएनयू के रोहित आजाद शामिल हैं।   

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