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आरबीआई का पैसा छीनकर देश को आर्थिक आपातकाल की तरफ धकेला गया: कांग्रेस

रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को भारी सरप्लस राशि के रूप में 1.75 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के निर्णय की...
आरबीआई का पैसा छीनकर देश को आर्थिक आपातकाल की तरफ धकेला गया: कांग्रेस

रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को भारी सरप्लस राशि के रूप में 1.75 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के निर्णय की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को आर्थि‍क आपातकाल में धकेल दिया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार के दबाव में रिजर्व बैंक ने अपनी सीमा पार की है और इसका परिणाम भयावह हो सकता है। कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था के हालात पर एक हफ्ते के भीतर श्वेतपत्र लाने की मांग की है।

हमने देश को सचेत किया था

उन्होंने कहा कि हमने देश को जो सचेत करने का प्रयास किया था, उस बात की पुष्टि हो चुकी है। भारत एक गहरे आर्थिक संकट में है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। भारत की जीडीपी लगातार गिर रही है।

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री को खुद से पैदा किए गए आर्थिक संकट का समाधान नहीं सूझ रहा है।

आरबीआई से चोरी करना काम नहीं आएगा: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आर्थिक स्थिति को लेकर मंगलवार को ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री तथा वित्तमंत्री खुद के पैदा किए हुए आर्थिक संकट को हल करने के बारे में कुछ समझ नहीं पा रहे हैं... आरबीआई से चोरी करना काम नहीं आएगा, यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे गोली लगने से हुए घाव पर लगाने के लिए डिस्पेंसरी से बैंड-एड चुराई जाए।

क्या है मामला

आरबीआई ने सरकार को अपने अधिशेष और मुनाफे के 1.76 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का फैसला किया है। आरबीआई यह राशि डिविडेंड और अतिरिक्त रिजर्व के तौर पर सरकार को देगी। आरबीआई बोर्ड ने पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाले उच्च स्तरीय पैनल की सलाह मानते हुए अतिरिक्त रिजर्व सरकार को देने का फैसला किया।आरबीआई को अपने रिजर्व फंड में कितना पैसा रखना चाहिए और सरकार को कितनी रकम सरकार को ट्रांसफर करनी चाहिए, यह तय करने के लिए सरकार ने पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में 26 दिसंबर 2018 को 6 सदस्यीय समिति बनाई थी।

कितना है आरबीआई का रिजर्व फंड

कैश सरप्लस के मुद्दे पर केंद्रीय बैंक और सरकार के विवाद के चलते आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक आरबीआई के पास 9 लाख करोड़ रुपए का सरप्लस फंड है। यह आरबीआई के कुल एसेट का करीब 28% है। सरकार का कहना था कि दूसरे बड़े देशों के केंद्रीय बैंक अपने एसेट का 14% रिजर्व फंड में रखते हैं।

रिजर्व बैंक का सरप्लस फंड मिलने से सरकार को वित्तीय घाटा काबू में रखने में मदद मिलेगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 3.3% के बराबर वित्तीय घाटे का लक्ष्य रखा है।सरप्लस कैपिटल ट्रांसफर के अलावा मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार को आरबीआई से 90 हजार करोड़ रुपए डिविडेंड के रूप में मिलने की उम्मीद है। पिछले साल 68 हजार करोड़ मिले थे।

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