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बजट 2023: प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी-मायावती तक बजट पर किसने क्या दी प्रतिक्रिया? जानें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को यानी आज लोकसभा में अपना पांचवां आम बजट पेश किया। इस...
बजट 2023: प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी-मायावती तक बजट पर किसने क्या दी प्रतिक्रिया? जानें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को यानी आज लोकसभा में अपना पांचवां आम बजट पेश किया। इस दौरान कृषि, शिक्षा, गरीबों और नौकरीपेशा लोगों के लिए अहम ऐलान किए गए। 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी गई। इस बजट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। बजट को लेकर एक दूसरे पर हमलावर हैं। जहां बीजेपी इस वजट को शानदार और जनहित में केंद्र सरकार का लिया गया ऐतिहासिक कदम बता रही है, तो वहीं कांग्रेस बजट को निराशाजनक बता रही है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आम बजट पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह समेत सत्ताधारी और विपक्ष के कई नेताओं का प्रतिक्रिया सामने आई है। सत्ताधारी नेताओं ने बजट को बेहतर बताया तो विपक्ष ने हमला बोला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखेगा। हर वर्ग का सपना पूरा होगा। यह बजट गरीब, मध्यम वर्ग, किसान सहित आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करेगा। परंपरागत रूप से अपने हाथों से देश के लिए मेहनत करने वाले 'विश्वकर्मा' इस देश के निर्माता हैं। पहली बार 'विश्वकर्मा' के प्रशिक्षण और सहायता से संबंधित योजना बजट में लाई गई है।

राहुल गांधी- 

 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट' करार देते हुए बुधवार को कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मित्रकाल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है।''

 

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी देते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है। बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है।''

मनीष सिसोदिया-

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट 2023-24 ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है और यह देश को कर्ज में डुबा देगा। सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट से 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ जायेगा।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि भाजपा ने ‘अच्छे दिन’ लाने जैसे वादे को ‘जुमला’ बना दिया है। भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र का बजट एक ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है। हमने अतीत में ऐसे कई जुमले सुने हैं- जैसे बुलेट ट्रेन की शुरुआत या किसानों की आय दोगुनी करने या 60 लाख रोजगार सृजन करने का वादा।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट देश को कर्ज में डुबा देगा। उन्होंने दावा किया कि 2014 तक केंद्र पर 53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था और भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के लगातार दो कार्यकाल के दौरान देश पर 150 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है और ‘‘यह बजट देश को 15 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज में डूबा देगा।’’ उन्होंने कहा कि बजट दिल्लीवासियों के लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि कर अनुदान के रूप में राष्ट्रीय राजधानी को सिर्फ 325 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि दिल्ली 1.75 लाख रुपये का आयकर देती है। सिसोदिया ने दावा कि पिछले 22 वर्षों में 325 करोड़ रुपये की राशि बदली नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बजट में रोजगार सृजन या महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

ममता बनर्जी-

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आम बजट को जनविरोधी करार दिया हैं। ममता ने कहा कि आम बजट में ग़रीबों का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी को कई मदद नहीं मिलेगी। ममता ने कहा कि यह सिर्फ़ एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा। यह बजट देश की बेरोज़गारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा। इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

महबूबा मुफ्ती-

बजट पर पीटीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बजट वही है जो हम पिछले आठ-नौ सालों से देख रहे हैं, टैक्स बढ़ गए हैं, कल्याणकारी योजनाएं गायब हो गई हैं, सब्सिडी पर कोई पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है, सिर्फ बड़े और चुनिंदा बिजनेसमैन को फायदा पहुंचाने के लिए टैक्स वसूला जा रहा है।

अखिलेश यादव-

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट पर अपना रिएक्शन दिया। अखिलेश ने ट्वीट किया, '' बीजेपी अपने बजट का दशक पूरा कर रही है, पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी"। उन्होंने कहा, "भाजपाई बजट महंगाई एवं बेरोजगारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है।

डिंपल यादव-

बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है. रेलवे को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है. ये बहुत ही निराशाजनक बजट है।  

अरविंद केजरीवाल-

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल में ट्वीट करते हुए कहा कि "इस बजट से अवाम को महंगाई से कोई राहत नहीं मिली हैं, बल्कि इस बजट से और महंगाई बढ़ेगी। केजरीवाल ने कहा कि बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं हैं। शिक्षा बजट को घटाकर 2.64 फीसद से 2.5 फीसद करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 फीसद से 1.98 फीसद करना हानिकारक है।

वीके सिंह-

केंद्रीय बजट पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा, पिछले बजट को आधार लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है। इसके अंदर अगले 25 सालों के लिए भारत कैसे आगे बढ़े उसकी नींव रखी गई है।

शशि थरूर-

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, बजट में कुछ चीजें अच्छी थीं। मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह-

आम बजट पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। राजनाथ सिंह ने बजट को किसानों, महिलाओं, सीमांत वर्गों और मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने वाला बताते हुए इसे विकास और कल्याण पर केंद्रित बजट बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट से देश में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है जो हमें कुछ सालों के भीतर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और ‘शीर्ष तीन’ अर्थव्यवस्था में शामिल होने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर ले जाएगा।

संजय सिंह-

आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, न किसान, न जवान, न नौजवान। बजट में किसी के लिए नहीं कोई प्रावधान। अमृत काल में अमृत के लिए तरस रहा है आम इंसान। पूंजीपतियों की लूट हुई आसान।

बता दें कि अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को भी सौगात दी है।

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