Advertisement

शिवराज सिंह चौहान ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, चौथी बार बने मध्यप्रदेश के सीएम

मध्य प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन गई है। शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री...
शिवराज सिंह चौहान ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, चौथी बार बने मध्यप्रदेश के सीएम

मध्य प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन गई है। शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। आज शाम उन्हें प्रदेश कार्यालय में विधायक दल का नेता चुना गया। जिसके बाद रात 9 बजे राज्यपाल लालजी टंडन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके पहले  कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने 20 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इससे पहले उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।  शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी।

दो उप मुख्यमंत्री की भी चर्चा

 मध्य प्रदेश में बनने जा रही भाजपा सरकार में दो उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की खबर है।  उप मुख्यमंत्री के लिए सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट और भाजपा से नरोत्तम मिश्रा का नाम चर्चा में है।  

ताजा सियासी ड्रामे में शिवराज सबसे बड़े गेनर

15 सालों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार जब दिसंबर 2018 में चुनाव हार गई, तो उसके बाद शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। खबरें थीं कि शिवराज को केंद्र में भेजा जा सकता है लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश में ही रहने की इच्छा जताई। शिवराज हार के बाद भी प्रदेश में सक्रिय रहे। शिवराज ने इसी साल जनवरी में सिंधिया से मुलाकात भी की थी। हालांकि, इसे उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताया था। मध्य प्रदेश में हाल ही में 17 दिन तक चले सियासी ड्रामे से सबसे ज्यादा फायदे में शिवराज रहे। भाजपा सरकार बना लेती है, तब उसे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा।

विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

इसके पहले रविवार को राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को पत्र लिखकर उनके खिलाफ भाजपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव और भाजपा विधायक शरद कोल के इस्तीफे के बारे में भी जानकारी दी थी। वहीं, शनिवार को शिवराज सिंह चौहान नेआरोप लगाया था कि विधानसभा अध्यक्ष कोल का इस्तीफा स्वीकार करने का दबाव बना रहे हैं।

24 सीटों पर 6 महीने में चुनाव होंगे

विधानसभा में 230 सीटें हैं। दो विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायक बागी हो गए थे। इनमें 6 मंत्री भी थे। स्पीकर एनपी प्रजापति इन सभी के इस्तीफे मंजूर कर चुके हैं। इस तरह कुल 24 सीटें अब खाली हैं। इन पर 6 महीने में चुनाव होने हैं। उपचुनाव में भाजपा को कम से कम 10  सीटें जीतनी होंगी। भाजपा के पास 106 विधायक हैं। 4 निर्दलीय उसके समर्थन में आए तो भाजपा+ की संख्या 110 हो जाती है। 24 सीटों पर उपचुनाव होने पर भाजपा को बहुमत के लिए 7 और सीटों की जरूरत होगी। अगर निर्दलीयों ने भाजपा का साथ नहीं दिया तो उपचुनाव में पार्टी को कम से कम 10  सीटें जीतनी होंगी।

22 पूर्व विधायकों को टिकट

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सभी 22 पूर्व विधायकों को टिकट मिलेगा। सिंधिया ने संवाददाताओं से कहा, "हमारे 22 विधायक पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आशीर्वाद से आज भाजपा में शामिल हुए हैं। सभी को टिकट मिलेंगे। उन्होंने हमें प्रोत्साहित किया और आश्वासन दिया कि सभी का सम्मान बरकरार रहेगा।"

सभी बागी नेताओं ने ली भाजपा की सदस्यता

मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी बागी पूर्व विधायक, छह पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सहित शनिवार को यहां पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। नड्डा ने प्रतीकात्मक रूप से उन्हें पार्टी शॉल भेंटकर पार्टी में शामिल किया।  इस अवसर पर पार्टी नवागंतुक नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय उपस्थित थे।

इन बड़े नेताओं ने थामा भाजपा का दामन

शनिवार को मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कहे जाने वाले छह कैबिनेट मंत्रियों सहित सभी बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इन सदस्यों में इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभुराम चौधरी शामिल हैं।  वे सभी कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। अब ये नेता भाजपा के साथ हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad