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पीडीपी से गठबंधन तोड़ सकती है भाजपा, राष्ट्रपति शासन की अटकलें

घाटी में बढ़ती हिंसा के बीच केंद्र सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार पर जल्‍द बड़ा फैसला ले सकती है। हिंसा के दौर के बीच वहां राष्‍ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें बढ़ रही हैं। कानून व्‍यवस्‍था में गड़बड़ी को देखते हुए राजनैतिक गलियारे में सुगबुगाहट है कि भाजपा और पीडीपी का गठबंधन भी टूट सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 29 और 30 अप्रैल को राज्य का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद गठबंधन पर भाजपा कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
पीडीपी से गठबंधन तोड़ सकती है भाजपा, राष्ट्रपति शासन की अटकलें

इधर कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भी संकेत दिए हैं कि जम्‍मू-कश्‍मीर में राष्‍ट्रपति शासन लागू हो सकता है, जो भाजपा और पीडीपी सरकार की असफलता को साबित करता है।

चिदंबरम ने कश्‍मीर समस्‍या के समाधान का रास्‍ता सुझाया है। उनका कहना था कि कश्‍मीर समस्‍या का समाधान तभी हो सकता है जब वहां के लोगों को ज्‍यादा स्‍वायत्‍तता दी जाए। चिदंबरम ने यह भी माना कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार भी इस मुद्दे से ठीक तरीके से नहीं निपट सकी।

घाटी में स्‍थानीय लोग लगातार हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।  स्‍कूली बच्‍चे भी सुरक्षाबलों का विरोध करते नजर आ रहे हैं। जुलाई 2016 से जम्‍मू कश्‍मीर के बिगड़े हुए हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे बल्कि दिन पर दिन और बदतर होते जा रहे हैं। बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी राम माधव ने जब जीप पर बंधे युवक वाले मुद्दे पर सेना का बचाव किया, तो राज्‍य सरकार के बीच के मतभेद और गहरे हो गए। अब माना जा रहा है राज्‍य की गठबंधन सरकार मुश्किल में है और जल्‍द ही हो सकता है दोनों अपने 'ब्रेकअप' का ऐलान कर दें।

राम माधव ने सेना और उस मेजर का बचाव किया है जिसने सेना की जीप पर 25 वर्ष के फारूक अहमद डार को बांधने का फैसला किया था। माधव ने कहा था, 'मैं उस मेजर की सराहना करता हूं जिसने स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया। प्‍यार और जंग में सब जायज है।' आपको बता दें कि राम माधव को राज्‍य की बीजेपी-पीडीपी सरकार का 'आर्किटेक्‍ट' कहा जाता है और अब उनके इस बयान ने पीडीपी के खेमे में हलचल मचा दी है।

माधव का यह कहना था कि जम्‍मू कश्‍मीर के शिक्ष मंत्री सैयद अल्‍ताफ बुखारी भड़क गए। बुखारी ने कहा है, 'तो यह क्‍या कोई जंग है जो उन कश्‍मीरियों के खिलाफ छेड़ दी गई है जिन्‍होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद लोकतंत्र में भरोसा जताया और अपना वोट दिया था। या फिर यह एक ऐसी जंग है जिसे देश में सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी के 'आशावादी' चुनावी हितों को संतुष्‍ट करने के लिए लड़ी जा रही है।'

सेना के अधिकारियों की मानें तो कानून व्‍यवस्‍था राज्‍य सरकार का विषय है। पत्‍थरबाजी करने वालों को राज्‍य सरकार माफ कर देती है और उनके खिलाफ कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाया जाता है। ऐसे में इन युवाओं को और प्रोत्‍साहन मिलता है और फिर से सड़कों पर वापस आ जाते हैं।

रविवार को नीति आयोग की मीटिंग है जिसमें सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों के साथ शिरकत करेंगे। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग से अलग महबूबा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं।

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