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सैन्य अभियानों का चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है बीजेपी: मनमोहन सिंह

इन दिनों देशभर में चुनावी माहौल है और इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर एक रैलियों में सर्जिकल...
सैन्य अभियानों का चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है बीजेपी: मनमोहन सिंह

इन दिनों देशभर में चुनावी माहौल है और इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर एक रैलियों में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे समय में कई सर्जिकल स्ट्राइक किए गए।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी सैन्य अभियानों का चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इसे निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी बाहरी खतरों से निपटने के लिए सेना को खुली छूट थी। उस दौरान भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं। उन्होंने कहा,हमने सैन्य अभियान भारत विरोधी तत्वों को जवाब देने के लिए किया न कि चुनावी लाभ लेने के लिए।

पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे 40 आतंकी

बता दें कि इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जैश ए मोहम्मद के ठिकाने को तबाह कर दिया था।

हमारी प्रतिक्रिया पाक को एक आतंकी देश के रूप में अलग-थलग करने की थी

मनमोहन सिंह से सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों ने यह कहकर आपकी सरकार पर हमला किया कि 26/11 हमले पर आपकी प्रतिक्रिया मजबूत नहीं थी। अगर पीछे मुड़कर देखें तो क्या ऐसा कुछ है जिसपर आपने अलग तरीके से कुछ किया हो?

इस सवाल के जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा कि तथ्यों की अनुपस्थिति में हर कोई अपने हिसाब से इतिहास का आकलन करता है। मैं इससे सहमत नहीं हूं कि हम सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि विभिन्न भू-राजनीतिक परिस्थितियों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता होती है। हमारी प्रतिक्रिया पाकिस्तान को एक आतंकी देश के रूप में अलग-थलग करने और कूटनीतिक रूप से बेनकाब करने की थी।

मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित कराया

साथ ही पूर्व पीएम ने आगे जवाब दिया कि आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दबाव बनवाने की थी। हम इसमें सफल भी हुए। हमने मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित कराया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमलों में शामिल लश्कर के शीर्ष सदस्यों को भी आतंकवादियों के रूप में प्रतिबंध सूची में डाल दिया। इसने आज लश्कर को निष्प्रभावी बना दिया है।

मोदी सरकार ने एनसीटीसी और नैटग्रिड को ठंडे बस्ते में डाल दिया

उन्होंने कहा, '26/11 हमले के बाद कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने तटीय सुरक्षा को मजबूत किया और राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र (एनसीटीसी) का विचार रखा। लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विचार का विरोध किया। हमने नैटग्रिड की भी कल्पना की जो एक एकीकृत इंटेलिजेंस ग्रिड है,जो भारत सरकार की मुख्य सुरक्षा एजेंसियों के डाटाबेस को जोड़ने के लिए है,जो खुफिया के व्यापक पैटर्न को आसानी से एक्सेस कर सकता है। लेकिन मोदी सरकार ने एनसीटीसी और नैटग्रिड को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।'

मोदी के राजनीतिकरण के प्रयास शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं

साथ ही उन्होंने कहा, 'याद रहना चाहिए कि हमारी सशस्त्र सेनाओं को हमेशा से हर खतरे का जवाब देने के लिए खुली छूट है। कई सर्जिकल स्ट्राइक हमारे समय में भी हुआ। हमारे लिए मिलिट्री ऑपरेशन्स का मतलब भारत विरोधी ताकतों को रणनीतिक ढंग से और जवाब देकर रोकना है। पिछले 70 सालों में सत्ता में आई सरकार को कभी भी हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के पीछे छिपना नहीं पड़ा। राजनीतिकरण के प्रयास शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं, लेकिन विफलता छुपाने के लिए मोदी सरकार ऐसा कर रही है।' मनमोहन सिंह ने 1965 और 1991 के युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि न ही इंदिरा गांधी ने और न ही लाल बाहदुर शास्त्री ने युद्ध जीतने का क्रेडिट लिया।

प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने पर क्या बोले मनमोहन सिंह

प्रियंका गांधी के राजनीति में आने से कांग्रेस में किसी तरह अंतर आएगा? इस सवाल का जवाब प्रियंका गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सहज संवाद है। उनकी मूलभूत मुद्दों को लेकर समझ अच्छी है। उनकी शालीनता उनका सबसे बड़ा गुण है। मुझे पूरा विश्वास है कि वे कांग्रेस पार्टी को ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।

 

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