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महागठबंधन पर अमित शाह का तंज- 23 में से 9 लोग प्रधानमंत्री बने बैठे हैं

पश्चिम बंगाल के मालदा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने रैली करके ममता बनर्जी की...
महागठबंधन पर अमित शाह का तंज- 23 में से 9 लोग प्रधानमंत्री बने बैठे हैं

पश्चिम बंगाल के मालदा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने रैली करके ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान अमित शाह ने रथयात्रा से लेकर रोहिंग्या, नागरिकता संशोधन बिल, दुर्गा पूजा विसर्जन जैसे तमाम मुद्दों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को घेरा।

अमित शाह ने ममता की विपक्षी रैली पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का गठबंधन सेल्फी गठबंधन है। उन्होंने कहा, 'गठबंधन से जुड़े लोग सिर्फ मोदी को हटाना चाहते हैं। हम चाहते हैं गरीबी हटे, वो चाहते हैं मोदी हटे। हम चाहते हैं भ्रष्टाचार हटे वो चाहते हैं मोदी हटे। हम चाहते हैं देश से रोग और बीमारी हट जाएं वो चाहते हैं मोदी हट जाए। जिस गठबंधन की रैली में भारत माता की जय का जयकारा ना लगता हो, वन्दे मातरम् के नारे नहीं लगते हो, वो देश का क्या भला करेंगे?'

23 में से 9 लोग प्रधानमंत्री बने बैठे हैं’

अमित शाह ने ममता की विपक्षी रैली पर निशाना साधते हुए कहा, '23 लोग जो ब्रिगेड ग्राउंड में बैठे थे उनमें से 9 तो प्रधानमंत्री बने बैठे हैं। लाइन लगी है लाइन। हमारे यहां एक ही नेतृत्व है। सारा एनडीए नरेंद्र मोदी जी के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।'

उन्होंने कहा, 'ममता दीदी ने यूपीए के लोगों को बड़े प्यार से बुलाया था। यूपीए ने अपने आखिरी साल में बंगाल को 5 साल में 1 लाख 32 हजार करोड़ रुपये दिए जबकि नरेंद्र मोदी ने 3 लाख 95 हजार 406 करोड़ दिए। ढाई गुना पैसा ज्यादा हमने दिया है लेकिन ममता दीदी को पैसा कम पड़ जाता है। आधा आपके लोग खा जाते हैं, आधा घुसपैठिए जो घुसे हैं, वे खा जाते हैं। बंगाल की जनता को कुछ नहीं मिल पाता।'

जहां रबींद्र संगीत बजता था वहां बम धमाकों की गूंज सुनाई देती है’

अमित शाह ने कहा, 'टैगोर, सुभाष चंद्र बोस, बंकिम चंद्र चटर्जी और बटुकेश्वर दत्त का पश्चिम बंगाल कम्युनिस्टों और ममता दीदी के शासन के बाद आज कहां पहुंचा है। जिस बंगाल में संगीत की गूंज सुनाई पड़ती थी, उसी बंगाल में आज बम के धमाकों की गूंज सुनाई देती है। आजादी के वक्त देश के कुल उत्पादन में पश्चिम बंगाल की भागीदारी 27 फीसदी थी और आज यह आंकड़ा 3.3 फीसदी पर आ गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'पहले बंगाल 100 में से 32 रोजगार देता था, आज 100 में से 4 रोजगार बंगाल देता है। ममता सरकार बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रही है।'

एक भी घुसपैठिया बंगाल में नहीं घुस पाएगा’

उन्होंने आगे कहा, 'एक बार बीजेपी की सरकार को मौका दीजिए, एक भी घुसपैठिया बंगाल के अंदर घुस नहीं सकता। घुसपैठिया छोड़िए, विदेशी परिंदे को भी पैर नहीं मारने देंगे। ममता दीदी को घुसपैठिए बहुत प्यारे लगते हैं।' अमित शाह ने पश्चिम बंगाल सरकार के नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'जो बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी हैं वे जवाब चाहते हैं कि आप (ममता) सिटिजनशिप बिल का समर्थन करोगे या नहीं और मुझे उम्मीद है कि वह नहीं करेंगी।' अमित शाह ने कहा कि सिटिजनशिप का मामला इस बार चुनाव का मुद्दा बनने वाला है।

टीएमसी हत्याएं कराने वाली सरकार’

उन्होंने कहा, 'टीएमसी हत्याएं कराने वाली सरकार है। लोकतंत्र का गला घोंटने वाली और भ्रष्टाचार कराने वाली सरकार है।' उन्होंने कहा कि टीएमसी शरणार्थियों को नागरिक न बनाने वाली और घुसपैठियों को शरण देने वाली सरकार है। अमित शाह ने टीएमसी को गोतस्करी कराने वाली सरकार भी बताया।

रथ यात्रा नहीं निकालने देंगे तो हम रैली निकालेंगे’

रथ यात्रा की अनुमति न मिलने पर अमित शाह ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, 'हमारे कार्यकर्ता रथ यात्रा के तहत गांव-गांव जाने वाले थे। वे डर गए, उन्हें लगा कि रथा यात्रा निकली तो उनकी सरकार की अंतिम यात्रा निकलेगी, इसलिए परमिशन नहीं दी। कोई बात नहीं, अगर हम ज्यादा मेहनत करेंगे, ज्यादा दौड़ेंगे, ज्यादा पसीना बहाएंगे लेकिन आपको यहां से जरूर निकाल फेंकेंगे। रथ यात्रा नहीं निकालने देंगी तो हम रैली करेंगे और अगर रैली भी नहीं करने देंगी तो हम पैदल घर-घर जाएंगे।'

पंचायत चुनाव में तृणमूल ने की गुंडागर्दी’

पंचायत चुनाव में हिंसा पर उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव तो देशभर में होते हैं लेकिन पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में 65 से ज्यादा बीजेपी और अन्य दलों के नेता मारे गए, 1300 से ज्यादा घायल हुए। तृणमूल ने ऐसी गुंडागर्दी की कि हाई कोर्ट तक को हस्तक्षेप करना पड़ा।

ममता बनर्जी ने लोकतंत्र समाप्त किया’

अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की जनता से कहा, ' आप कम्युनिस्ट को हटाने के लिए टीएमसी को लेकर आए लेकिन इनका शासन देखकर लोग भी कहने लगे हैं कि इनसे तो कम्युनिस्ट तो अच्छे थे। हर पांचवां व्यक्ति यहां गरीबी रेखा के नीचे है। लोकतंत्र को समाप्त कर देने का काम ममता दीदी ने किया है।'

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