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भाजपा कार्यालय कालेधन का सबसे बड़ा स्रोत,शाह के नाम जमीन सौदा हुआ:सुरजेवाला

पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबैन निर्णय का विरोध करने वालों को कालेधन के पक्ष में बोलने वाला कहे जाने के बाद शुक्रवार को कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने देश में भाजपा कार्यालय को कालेधन का सबसे बड़ा स्रोत बताया है।
भाजपा कार्यालय कालेधन का सबसे बड़ा स्रोत,शाह के नाम जमीन सौदा हुआ:सुरजेवाला

 

सुरजेवाला ने भाजपा पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नाम जमीन सौदा हुआ है। जिससे ये साफ है कि काले धन में भाजपा का भी हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि 'जमीन सौदे के लिए 8 नवंबर के आस पास रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ। पीएम ने गोपनीयता का हवाला देकर नोटबंदी के बारे में किसी को नहीं बताया लेकिन अमित शाह से ये गुप्त जानकारी जरूर साझा की थी। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने अपने कालेधन को जेवरात और संपत्ति के रूप में छुपा लिया है। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा और काले धन का चोली दामन का साथ है, नोटबंदी से पहले कैसे भारतीय जनता पार्टी के कलकत्ता के बैंक खाते में लगभग 3 करोड़ रुपये 500 -1000 के नोट में जमा करके बदलवायेे गए, ये पूरे देश ने देखा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ तो लोग 2000 रूपये के लिए तरस रहे था वहां दूसरी तरफ भाजपा के नेता 2000 की गड्डियों के साथ फोटो ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट कर रहे थे।

सुरजेवाला ने कुछ लेनदेन संबंधी कागज दिखाते हुए कहा कि भाजपा ने नोटबंदी से ठीक पहले बिहार और देश के अलग अलग कोनों में करोड़ो और अरबों की संपत्ति कैश और चेक के माध्यम से खरीदी, ये कालेधन को सफेद करना नहीं तो और क्या है। सुरजेवाला ने कहा कि 3 करोड़ 41 लाख की 8 लेन देन केवल बिहार में हमारे सामने हैं।

इसकी लिस्ट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पहली लेनदेन 6-9- 2016 को लखीसराय में 60 लाख 13 हजार की जमीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा संजीव चौरसिया के माध्यम से खरीदी गई।

कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार 14-9-2016 को माधेपुरा में 85 लाख 15 हजार की जमीन दिलीप कुमार जायसवाल,11 अशोका रोड जो भाजपा कार्यालय है,के द्वारा खरीदी गई। इसके दो दिन बाद 16-9-2016 कटिहार में 41 लाख 48 हजार और 74 लाख 65 हजार की जमीन भाजपा के कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल के माध्यम से खरीदी गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, हम मांग करते है कि अमित शाह और प्रधानमंत्री इस बात का जवाब दें ये पैसा कहां से आया था और ये खरीद नोटबंदी से कुछ समय पहले होने को क्या माना जाए।

 

 

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