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भाजपा सांसद वरुण गांधी ने फिर साधा अपनी सरकार पर निशाना, कहा- केवल बैंक और रेलवे के निजीकरण से 5 लाख कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार

पिछले कई महीनों से लगातार बीजेपी के सांसद वरुण गांधी बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे को लेकर लगातार...
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने फिर साधा अपनी सरकार पर निशाना, कहा- केवल बैंक और रेलवे के निजीकरण से 5 लाख कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार

पिछले कई महीनों से लगातार बीजेपी के सांसद वरुण गांधी बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे को लेकर लगातार केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। मंगलवार को वरुण गांधी ने सरकार पर बढ़ती बेरोजगारी और निजी करण को लेकर हमला बोला है। सांसद वरुण गांधी ने बैंकों और रेलवे के किसी भी निजीकरण का विरोध करते हुए दावा किया कि इससे पांच लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे, और एक लोक कल्याणकारी सरकार असमानता पैदा नहीं कर सकती है।

वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, “केवल बैंक और रेलवे का निजीकरण ही 5 लाख कर्मचारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ यानि बेरोजगार कर देगा। समाप्त होती हर नौकरी के साथ ही समाप्त हो जाती है लाखों परिवारों की उम्मीदें। सामाजिक स्तर पर आर्थिक असमानता पैदा कर एक ‘लोक कल्याणकारी सरकार’ पूंजीवाद को बढ़ावा कभी नहीं दे सकती।”

पिछले महीने भी, अपने निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत में, वरुण गांधी ने तेजी से बढ़ती मुद्रास्फीति और बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि देश के महत्वपूर्ण संसाधन निजीकरण के नाम पर बेचे जाते हैं। उन्होंने जेएनयू के कुलपति के रूप में शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की पसंद की भी आलोचना की थी, यह कहते हुए कि "औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं"।

हाल में वरुण गांधी ने कर्ज लेकर भागे हुए उद्योगपतियों के जरिए सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था कि , “विजय माल्या 9000 करोड़, नीरव मोदी 14000 करोड़ , ऋषि अग्रवाल 23000 करोड़! आज जब कर्ज के बोझ तले दब कर देश में रोज लगभग 14 लोग आत्महत्या कर रहे हैं, तब ऐसे धन पशुओं का जीवन वैभव के चरम पर है। इस महा भ्रष्ट व्यवस्था पर एक ‘मजबूत सरकार’ से ‘मजबूत कार्यवाही’ की अपेक्षा की जाती है।”

वरुण गांधी भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में उतरे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की मांग भी पूरी की जाए।

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