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'लव जिहाद' शब्द भाजपा ने गढ़ा, बिगाड़ रही है देश का माहौल: अशोक गहलोत

लव जिहाद को लेकर सियासत तेज हो गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लव जिहाद भारतीय...
'लव जिहाद' शब्द भाजपा ने गढ़ा, बिगाड़ रही है देश का माहौल: अशोक गहलोत

लव जिहाद को लेकर सियासत तेज हो गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लव जिहाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा निर्मित शब्द है जिसके जरिए भाजपा देश में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़कर राष्ट्र को विभाजित करने का प्रयास कर रही है। वहीं, भाजपा नेताओं ने उनके बयान को शर्मनाक बताया है। 

गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि विवाह वैयक्तिक स्वतंत्रता का विषय है जिस पर रोक लगाने के लिये कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह कानून न्यायालय मे टिक नहीं पायेगा। उन्होंने कहा कि प्रेम में जिहाद के लिये कोई स्थान नहीं है।

गहलोत ने कहा कि देश में ऐसा वातावरण उत्पन्न किया जा रहा है जिसमें दो वयस्कों की सहमति राज्य की दया पर निर्भर होगी। विवाह निजी निर्णय है और वे इस पर रोक लगा रहे हैं जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिये लव जिहाद के नाम पर सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह संविधान के उन प्रावधानों के खिलाफ है जिसके तहत नागरिकों में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है।

राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत के बयान को शर्मनाक बताते हुए वोट बैंक की राजनीति बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘शर्मनाक है यह बयान, भारत विश्व का पुरातन सनातन देश है जहाँ विवाह एक नैसर्गिक  संस्कार है,लव जेहाद इस्लामिक आतंकवाद का घोषित एजेंडा है,विश्वास नहीं होता वोट बैंक की  राजनीति के लिए आप इतना गिर जाओगे,कांग्रेस की दुर्दशा से विचलित होकर मानसिक संतुलन यूँ गड़बड़ होना स्वाभाविक ही है।‘

जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत पर तीखा हमला किया और उनके ट्वीट को सांप्रदायिक एजेंडे का प्रदर्शन बताया। शेखावत ने ट्वीट किया, "अशोक गहलोत जी, सत्ता लालच में हिन्दू आतंकवाद जैसे शब्द गढ़ना, घृणा फैलाना इत्यादि सब कांग्रेस प्रधान कृत है।"

मध्यप्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए राज्य सरकार एक नया कानून, 'मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट-2020' ला रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस कानून के तहत लव जिहाद का ताजा मामला पकड़े जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा ऐसे विवाह जो पहले हो चुके हैं, उन्हें रद्द करने का अधिकार फैमिली कोर्ट को दिया जाएगा।

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