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राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रही है भाजपा, यह समावेशी फैसला: जेपी नड्डा

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए शनिवार को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत...
राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रही है भाजपा, यह समावेशी फैसला: जेपी नड्डा

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए शनिवार को भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रही है और इस मुद्दे पर उन्होंने 'सकारात्मक' भूमिका निभाई है।

कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा ने कहा, 'यह निर्णय समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले समावेशी विचारों का उदाहरण है।' उन्होंने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी देश के उन लोगों का स्वागत और सलाम करती है जिन्होंने एकजुट होकर देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने को बरकरार रखा है। इस फैसले ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हम एकजुट हैं और भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं।' 

'मोदी सरकार में मुद्दे का हल हुआ'

नड्डा ने कहा, 'पालमपुर संकल्प से आज तक  भाजपा ने इस मुद्दे पर सकारात्मक भूमिका निभाई है और अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाया है। यह हमारे लिए बहुत संतोष की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान भगवान राम के मंदिर मुद्दे को हल किया गया है।'

उन्होंने देशवासियों से 'पूरे दिल से' फैसले का स्वागत करने की अपील की और अफवाहों पर ध्यान दिए बिना समानता, सामाजिक सद्भाव और शांति की अमूल्य विरासत को बचाने के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। नड्डा ने कहा कि फैसले ने स्पष्ट संदेश दिया है कि 'हम एकजुट हैं और भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं।'

'सभी विवाद हो जाएंगे खत्म'

उन्होंने बयान में कहा है, 'भाजपा विश्वास करती है कि फैसले से मामले के सभी विवाद खत्म जाएंगे और देश अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ एकता के सिद्धांतों पर मजबूत होता रहेगा।'

सुप्रीम कोर्ट ने के फैसले से साफ हो गया है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर बनेगा और केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया है।

भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्याशित निर्णयों में से एक चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने एक सदी से अधिक पुराने विवाद को समाप्त कर दिया जिसने राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद का निर्माण एक 'प्रमुख स्थल' पर किया जाना चाहिए, जिसे केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित किया जाए और मंदिर के निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए।

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