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जयपुर में जिग्नेश के सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने या बयान जारी करने पर रोक

गुजरात के दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी की राजस्थान एंट्री ने सियासी हलचल तेज कर दी है। अब...
जयपुर में जिग्नेश के सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने या बयान जारी करने पर रोक

गुजरात के दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी की राजस्थान एंट्री ने सियासी हलचल तेज कर दी है। अब राजस्थान पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए पंद्रह दिनों (15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक) तक उनके सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने और बयान जारी करने पर रोक लगा दी है।

पुलिस आयुक्त के आदेश में हवाला दिया गया है कि मेवाणी के द्वारा विभिन्न स्थानों पर दिए गए वक्तव्यों और भाषणों से कानून व्यवस्था प्रभावित हुई है। जाति वैमनष्य बढ़ने से शांति व्यवस्था भंग हुई है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिग्नेश ने ट्वीट किया कि कुछ महीने पहले भाजपा एम.पी. हेगड़े ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान बदलने के लिए सत्ता में आई है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।  

उन्होंने लिखा कि आज अधिकारियों ने 30 अप्रैल तक जयपुर में किसी भी प्रदर्शन में भाग लेने के लिए उन पर रोक लगाया है क्योंकि वे संविधान के बारे में बात कर रहे थे।

जयपुर एयरपोर्ट पर रोका

इससे पहले मेवाणी ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि नागौर में आयोजित एक सभा में उनको हिस्सा लेना था, लेकिन उन्हें जयपुर एयरपोर्ट पर रोक दिया गया।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वे भारतीय संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर पर बोलने के लिए नागौर जा रहे थे। जयपुर एयरपोर्ट पर उतरते ही कुछ पुलिसकर्मियों ने उनसे एक पत्र पर हस्ताक्षर कराया, जिसमें लिखा था कि राजस्थान के पूरे नागौर जिले में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध है।

जिग्नेश ने एक और ट्वीट कर कहा, “अब DCP कह रहे हैं, मुझे जयपुर में भी घूमने की अनुमति नहीं है। ये लोग मुझ पर अहमदाबाद वापस जाने का दबाव बना रहे हैं और साथ ही मुझे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की भी मंजूरी नहीं दे रहे, ये हैरान करने वाली बात है।”

जिग्नेश ने लगाए राजे सरकार पर आरोप

मेवाणी ने लिखा है,  “पिछले 2 घंटों से मैं जयपुर के ड्यूटी डीसीपी से पूछ रहा हूं कि उनके आंदोलन को प्रतिबंधित करने के लिए उनके पास कोई आदेश है, उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है। वह कह रहे हैं 'ऊपर से बोला है' .. उन्होंने स्थानीय दलित कार्यकर्ता का मोबाइल भी ले लिया। कानून के मुताबिक, यह कानूनी रूप से मुझे सीमित कर देने का मामला है, अगर अपहरण नहीं है तो।”

उन्होंने कहा, “अगर भागवत मनुस्मृति के बारे में बात करने के लिए राजस्थान के नागौर जिले गए, तो राजे ने उन्हें अनुमति दी होगी। लेकिन जब मैं बाबा साहेब अंबेडकर के दर्शन के बारे में बात करना चाहता हूं तो वे मेरे आंदोलन पर बंदिशे लगा रही हैं। वसुंधरा जी, हमारा भी वादा रहा चुनाव में मजा आएगा।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अांबेडकर जयंती के मद्देनजर नागौर के कई इलाकों में धारा 144 लागू है। इसी कारण जिग्नेश मेवाणी को नागौर की सभा में नहीं जाने दिया जा रहा। इसके अलावा गुजरात के दलित नेता को भाजपा शासित राजस्थान में इस तरह रोकने की घटना के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

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