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सीलिंग मामले पर अरविंद केजरीवाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई

सीलिंग को लेकर दिल्ली में राजनैतिक सियासत गरमा गई है। मंगलवार को सीलिंग अभियान का हल ढूंढने के लिए...
सीलिंग मामले पर अरविंद केजरीवाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई

सीलिंग को लेकर दिल्ली में राजनैतिक सियासत गरमा गई है। मंगलवार को सीलिंग अभियान का हल ढूंढने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें कांग्रेस ने तो शिरकत की लेकिन भाजपा ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया। इसमें तय हुआ कि दिल्ली सरकार सीलिंग के समाधान के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी और इसें केंद्र सरकार के पास भेजेगी। साथ ही सरकार सारे उपाय करेगी और जरूरी हुआ तो सड़क पर भी कारोबारियों के साथ सरकार संघर्ष करेगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने रविवार को दिल्ली भाजपाके अध्यक्ष मनोज तिवारी और कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन को पत्र लिखकर कहा, 'हमें राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और सीलिंग की वजह से आ रही समस्याओं का समाधान मिलकर निकालना चाहिए।'  केजरीवाल ने कहा कि बैठक में हर दल से तीन लोगों से ज्यादा नहीं होने चाहिए।  बैठक में कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली और सुभाष चौपड़ा शामिल हुए जबकि सरकार की ओर से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह, सोमनाथ भारती शामिल हुए।

कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, भाजपा का बैठक में न आना अफसोसजनक है। केजरीवाल और कांग्रेस के साथ भाजपा को आना चाहिए।  दिल्ली को पांच हिस्सों में रखकर समाधान तैयार किया है और मास्टर प्लान में संसोधन कर इसका समाधान निकाला जा सकता है। हाउस होल्ड इंडट्री में भी बदलाव की जरूरत है। इसमें दिल्ली सरकार पांच कर्मचारियों और पांच किलोवाट कनेक्शन की जगह 11 कर्मचारी और 11 किलोवाट का संसोधन ला सकती है। कोर्ट के सामने भी सही तरह से पक्ष नहीं रखा जा रहा है। दिल्ली सरकार से मजबूती से पक्ष रखने की अपील की है। संसद में दवाब डालने के लिए सभी दलों से अपील कर  रहे हैं। मॉनीटरिंग कमेटी को सही तरह से कानून नहीं बताया गया तो स्थिति और खराब हो सकती है।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा इसमें राजनीति न करे। अगर भाजपा चाहे तो सीलिंग का समाधान कर सकती है। राज्यसभा सांसद और आप नेता संजय सिंह ने कहा कि सीलिंग को रोकने के लिए संसद में हमने प्राइवेट मेंबर बिल दिया है।  हमारी जानकारी में आजादी के बाद से अब तक लगभग 14 प्राइवेट मेम्बर बिल स्वीकृत हुए हैं और पिछले 5-6 महीनों में 300 से ज्यादा प्राइवेट मेंबर बिल आ चुके हैं। हालांकि इस पर सहमति होना और पास होने की एक लंबी प्रक्रिया है। सदन में इस पर सहमति बनेगी या नहीं बनेगी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।

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