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फ्रेंच अखबार के खुलासे पर बोली कांग्रेस- मोदी अनिल अंबानी के लिए कर रहे मिडिल मैन का काम

राफेल डील में फ्रांस के एक अखबार के खुलासे के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना...
फ्रेंच अखबार के खुलासे पर बोली कांग्रेस- मोदी अनिल अंबानी के लिए कर रहे मिडिल मैन का काम

राफेल डील में फ्रांस के एक अखबार के खुलासे के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, 'राफेल डील में भ्रष्टाचार और पैसे के लेनदेन के तार आखिरकार सामने आ ही गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राफेल डील की घोषणा के फौरन बाद फ्रांस सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी का 143 मिलियन यूरो (करीब 12 सौ करोड़ रुपये) का टैक्स माफ कर दिया। क्या मोदी अपने मित्र ‘एए’ (अनिल अंबानी) के लिए मिडिल मैन का काम कर रहे हैं? इससे साफ हो गया है कि एक ही चौकीदार चोर है। अब उसकी चोरी रंगे हाथों पकड़ी गई है।'

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, '23 मार्च, 2015 को मोदी जी के मित्र 'एए' पेरिस रक्षा मंत्री के सलाहकार और दूसरे अधिकारियों से मिलते हैं। तब तक 128 राफेल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट देश की सरकारी कंपनी एचएएल के पास था। उन्होंने कहा कि राफेल घोटाले में पांच चीजें अहम हैं। 8 अप्रैल 2015 को मोदीजी के फ्रांस जाने से 48 घण्टे पहले विदेश सचिव बताते हैं कि मोदी जी विमान की चर्चा नहीं करने वाले हैं। एचएएल ही ये विमान बनाएगी। 10 अप्रैल 2015 को मोदी जी अकेले फ्रांस जाते हैं और 128 जहाजों की सस्ती डील को कूड़ेदान में डाल देते हैं।'

'देनदारी थी 151 मिलियन यूरो'

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'मोदी जी 128 जहाज के स्थान पर 36 राफेल विमान और मेक इन इंडिया की जगह मेक इन फ्रांस की घोषणा कर आते हैं। 10 अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की कंपनी दॉसो से 36 राफेल विमान खरीदने की डील का ऐलान किया। उस समय तक रिलायंस पर फ्रांस सरकार के टैक्स की देनदारी करीब 151 मिलियन यूरो हो चुकी थी। मोदी सरकार द्वारा राफेल खरीदने के ऐलान के 6 माह के बाद फ्रांस के टैक्स अधिकारियों ने रिलायंस के साथ सिर्फ 7.3 मिलियन यूरो लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। यानी 143.7 मिलियन यूरो टैक्स माफ कर दिया।

राष्ट्रीय हितों से किया समझौता: येचुरी

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘मोदी फ्रांस गये, लड़ाकू विमानों की संख्या में कटौती करते हुए करार पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रीय हितों से समझौता किया। एचएएल को करार से बाहर कर अंबानी को सौदे का हिस्सा बनाया।’ येचुरी ने कहा कि जनता के पैसे से कम संख्या में 41 प्रतिशत अधिक कीमत पर विमान खरीदने का करार कर अपनी सांठगांठ वाले करीबियों को कर में भारी छूट दिलायी।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी का फार्मूला अपने धनी दोस्तों की मदद करना है। गड़बड़ी के समूचे तंत्र का खुलासा हो गया है। राफेल घोटाले में वायु सेना को दरकिनार कर प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर शामिल है और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार गैरकानूनी तरीके से पेरिस में समझौता वार्ता कर रहे थे।’

फ्रांस के अखबार ने किया खुलासा

फ्रांस के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, राफेल सौदे के बाद छह महीने में फ्रांस ने अनिल अंबानी की फ्रांस स्थित कंपनी का लगभग 1,200 करोड़ रुपए (143.7 मिलियन यूरो) का टैक्स माफ किया था। अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस भारत के राफेल सौदे में ऑफसेट पार्टनर है। राफेल सौदे की घोषणा अप्रैल, 2015 में की गई थी। फ्रेंच अखबार 'ला मोंडे' ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है, ‘’फरवरी से अक्टूबर 2015 के बीच, जब फ्रांस भारत के साथ राफेल डील पर मोल-भाव कर रहा था, तब अनिल अंबानी फ्रांस की तरफ से 143.7 मिलियन यूरो की टैक्स छूट का लुत्फ उठा रहे थे।‘  

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