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हार के बाद कांग्रेस का फैसला, एक महीने तक टीवी डिबेट में शामिल नहीं होंगे प्रवक्ता

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन का दौर चल रहा है। वहीं पार्टी अध्यक्ष राहुल...
हार के बाद कांग्रेस का फैसला, एक महीने तक टीवी डिबेट में शामिल नहीं होंगे प्रवक्ता

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन का दौर चल रहा है। वहीं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने के फैसले पर अड़े हुए हैं। इस बीच कांग्रेस ने अपने सभी प्रवक्ताओं को किसी भी टीवी डिबेट में शामिल न होने का निर्देश दिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने भी इसी तरह का फरमान जारी किया था।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, 'कांग्रेस ने एक महीने के लिए टीवी डिबेट में प्रवक्ताओं को न भेजने का फैसला किया है। सभी मीडिया चैनलों / संपादकों से अनुरोध है कि वे अपने शो में कांग्रेस के प्रतिनिधियों को न बुलाएं।'

बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी महज 52 सीटों पर सिमट गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते शनिवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान यह बात उठी थी कि प्रवक्ताओं को मीडिया चैनल्स पर होने वाली डिबेट में न जाने दिया जाए। जिसको ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। खबरें हैं कि पार्टी मोदी सरकार पर शुरुआती एक महीने तक किसी भी टीका-टिप्पणी और आलोचना से बचना चाहती है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।


 

इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल गांधी

पार्टी के खराब प्रदर्शन से नाराज राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति के सामने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन पार्टी नहीं मानी। लेकिन अभी भी राहुल इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की है।

सपा ने अपने सभी प्रवक्ताओं को हटाया था

कांग्रेस से पहले समाजवादी पार्टी ने अपने सभी प्रवक्ताओं को हटा दिया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी के सभी प्रवक्ताओं का मनोनयन तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया था। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस आशय का पत्र सभी समाचार चैनलों को भेजा था। पत्र में सपा का पक्ष रखने के लिए किसी भी पदाधिकारी को आमंत्रित नहीं करने का अनुरोध किया गया था।

कांग्रेस ने चुनावी हार पर चर्चा के लिए विपक्षी पार्टियों की बुलाई बैठक

लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस ने अपनी हार के संभावित वजहों पर चर्चा करने के लिए 31 मई को संसद में विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। विपक्षी पार्टियां संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति पर भी विचार-विमर्श कर सकती हैं। संसद का सत्र 6 जून से शुरू होने की संभावना है। बैठक में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट मशीनों में कथित विसंगतियों के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है। वहीं लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए आगामी एक जून को पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है।

 

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