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संसद में हंगामे पर विपक्ष के 19 सांसदों पर एक्शन, राज्यसभा से एक सप्ताह के लिए किए गए निलंबित

सोमवार को लोकसभा से कांग्रेस के चार सांसदों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को विपक्ष...
संसद में हंगामे पर विपक्ष के 19 सांसदों पर एक्शन, राज्यसभा से एक सप्ताह के लिए किए गए निलंबित

सोमवार को लोकसभा से कांग्रेस के चार सांसदों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को विपक्ष के 19 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। 19 सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के सात और द्रमुक के छह विपक्षी सांसदों को सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए पूरे सप्ताह के लिए राज्यसभा की बैठक में शामिल होने से निलंबित कर दिया गया।

बता दें कि महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ विपक्ष के विरोध के बीच अब संसद के दोनों सदनों में मॉनसून सत्र की कार्यवाही के दौरान 23 सांसदों के शामिल होने पर रोक लगा दी गई है।

मंगलवार को उच्च सदन में कार्यवाही की शुरुआत के साथ ही विपक्षी सांसदों ने महंगाई को लेकर अपना विरोध शुरू किया। सदन के अंदर नारेबाजी करते हुए विपक्षी सांसद वेल के काफी पास आ गए थे। सभापति की ओर से विपक्षी सांसदों को अपनी सीट पर बैठने का बार-बार आग्रह किया गया। जानकारी के अनुसार, बात न मानने पर सभापति ने विपक्ष के सांसदों के खिलाफ ऐक्शन लिया और एक सप्ताह के लिए सदन की कार्यवाही से उन्हें निलंबित कर दिया।

इन सांसदों को निलंबित किया गया

जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें तृणमूल सांसद सुष्मिता देव, मौसम नूर, डॉ शांतनु सेन, डोला सेन, शांतनु सेन, नदीमल हक, अभि रंजन विश्वास और शांता छेत्री तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। माकपा के ए.ए. रहीम, लेफ्ट के मोहम्मद अब्दुल्ला और द्रमुक की कनिमोझी भी शामिल हैं।

बता दें कि बीते दिन लोकसभा में भी हंगामा किया गया था। महंगाई के विरोध में नारेबाजी के बाद कांग्रेस के चार सांसदों को लोकसभा के शेष सत्र से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस सांसदों ने हाथ में तख्तियां लेकर सदन में नारेबाजी की थी। इसके बाद सांसदों को चेतावनी दी थी कि सदन में तख्तियां लाने वाले किसी भी सांसद को कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

लोकसभा से जिन सांसदों को निलंबित किया गया उसमें कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर,  ज्योतिमणि, राम्या हरिदास और टीएन प्रतापन को निलंबित किया गया था। सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थी। पार्टी ने कहा था कि सांसदों को सस्पेंड करके सरकार हमें डराने की कोशिश कर रही है।

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