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सुभाष चंद्रा के खिलाफ एफआईआर कराऊंगाः आर.के. आनंद

हरियाणा में हालिया राज्यसभा चुनाव में जी मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ हार झेलने वाले वरिष्ठ वकील आर.के. आनंद ने कहा है कि उन्हें हराने के लिए आपराधिक साजिश रची गई है और वह इस मामले में एक-दो दिन में एफआईआर दर्ज कराएंगे।
सुभाष चंद्रा के खिलाफ एफआईआर कराऊंगाः आर.के. आनंद

उन्होंने सुभाष चंद्रा, निर्दलीय विधायक जयप्रकाश, भाजपा विधायक असीम गोयल और रिटर्निंग ऑफिसर के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कही है। आउटलुक से बातचीत में आनंद ने कहा कि भाजपा और उपरोक्त लोगों ने एक कलम के जरिये इस पूरी आपराधिक साजिश को अंजाम दिया गया है और वह इसका पर्दाफाश करके रहेंगे।

गौरतलब है कि आर.के. आनंद हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के समर्थन से राज्यसभा चुनाव में उतरे निर्दलीय उम्मीदवार थे और चुनाव से एक दिन पहले कांग्रेस आलाकमान ने उनका समर्थन करने की घोषणा की थी। तब ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेसी विधायक इनेलो समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते। अगले दिन चुनाव के बाद वोटों की गिनती में 17 में से 14 कांग्रेस विधायकों के वोट तकनीकी आधार पर रद्द हो गए और आनंद आश्चर्यजनक रूप से चुनाव हार गए। इन 14 में से 13 विधायकों ने चुनाव आयोग द्वारा मुहैया कराए गए मार्कर की जगह दूसरा मार्कर इस्तेमाल किया जबकि 14वें विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने किसी को वोट नहीं दिया और मतपत्र खाली छोड़ दिया।

अब आर.के. आनंद ने कहा है कि एक साथ 13 वोट खारिज होने में आपराधिक साजिश हुई है और इसलिए वह इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर करवाएंगे। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान गलत कलम सामने रखना धोखेबाजी है और ऐसा कर विधायकों को गलत कलम से वोट देने के लिए प्रेरित किया गया। यहां धारा 420 लागू होता है। एक गलत कलम से दस्तावेज पर निशान लगाने से वह दस्तावेज भी गलत हो जाता है और यह धारा 463 के तहत अपराध है। इसके अलावा जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं का उल्लंघन कर गंभीर अपराध किया गया है।

आनंद ने इस मामले में कलम के जरिये हुए कथित घपले की बात भी सामने रखी है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर लगातार 13 विधायक गलत कलम का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। एक या दो लोग गलती से निर्धारित कलम की बजाय दूसरी कलम का इस्तेमाल कर सकते हैं मगर 13 लोग ऐसा कैसे कर सकते हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर गलत कलम वहां कैसे पहुंचा? उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पूरे मतदान पैटर्न की जांच करनी चाहिए। आनंद के अनुसार मतदान के दौरान असीम गोयल लंबे समय तक मतदान कक्ष में रहे। सामान्य तौर पर वोट डालने में आधा मिनट लगता है मगर वीडियो फुटेज से साफ है कि गोयल वहां पांच मिनट रहे। गोयल 93 नंबर पर आए थे और उनका वोट वैध पाया गया। उसके बाद 94 नंबर से लेकर 106 नंबर तक सभी वोट गलत कलम से किए गए और अवैध पाए गए। इस बीच भूपिंदर हुड्डा ने 104 नंबर पर वोट डाला और मतपत्र खाली छोड़ा। 107वें नंबर पर हुड्डा के करीबी माने जाने वाले निर्दलीय विधायक जयप्रकाश आए और वोट अचानक से फिर सही पड़ने लगे। ऐसा कैसे हुआ? इसका मतलब है कि किसी ने 93 नंबर के बाद वहां गलत कलम रखा और 106 नंबर के बाद उसे फिर हटा दिया। यह आपराधिक साजिश है।

गौरतलब है कि विधायकों में से किसी ने चुनाव आयोग के सामने गलत कलम की शिकायत नहीं की है। आनंद कहते हैं कि भले ही किसी ने शिकायत न की हो मगर आयोग को इस पैटर्न की जांच अपने स्तर पर जरूर करनी चाहिए।

हरियाणा के चुनाव में सुभाष चंद्रा भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार थे और चुनाव से पहले जब कांग्रेस ने आनंद का समर्थन करने की घोषणा की थी तब चंद्रा की हार तय लग रही थी मगर अचानक पासा पलट गया और आनंद चुनाव हार गए।

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