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चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेजबहादुर, वाराणसी से रद्द हुआ था नामांकन

वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर नामांकन करने वाले तेज बहादुर यादव ने चुनाव आयोग...
चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेजबहादुर, वाराणसी से रद्द हुआ था नामांकन

वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर नामांकन करने वाले तेज बहादुर यादव ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव पर जानकारी छिपाने के आरोप में कार्रवाई करते हुए निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन रद्द कर दिया था, उसी फैसले को तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण उनकी तरफ से केस लड़ेंगें।

तेज बहादुर यादव ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में अपनी सेवा के दौरान वहां के खाने की गुणवत्‍ता पर सवाल उठाया था और सेना की व्यवस्था को सार्वजनिक तौर पर चुनौती दी थी। तेज बहादुर का यह दावा पूरे देश में चर्चा का विषय बना था और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा था। बाद में इस मामले को लेकर तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।

भरे थे दो नामांकन, दोनों में जानकारी अलग

दरअसल, तेज बहादुर ने वाराणसी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया था और हलफनामे में बताया था कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और बीएसएफ से निकाला गया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने बड़ा फैसला लिया और अपनी प्रत्याशी शालिनी यादव का नाम वापस लेकर तेज बहादुर को प्रत्याशी बना दिया। सपा के टिकट से तेज बहादुर ने दोबारा नामांकन किया और इस बार जो हलफनामा वाराणसी निर्वाचन अधिकारी को दिया उसमें बीएसएफ से निकाले जाने की जानकारी नहीं थी।

निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर को भेजा नोटिस

इसे आधार मानते हुए वाराणसी निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर यादव को नोटिस भेजकर एक तय समयसीमा के अंदर जवाब देने के लिए कहा और तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया गया, जिसे उन्होंने गलत बताया।

नामांकन रद्द होने के बाद क्या बोले तेज बहादुर

नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा था कि प्रशासन का तर्क है जो सबूत मांगा गया, वह आप पेश नहीं कर पाए, जबकि हमसे जो सबूत मांगे गए थे, वह शाम को 6.15  बजे मांगे गए थे, मैंने कहा कि मैं कोई अंबानी या अडाणी नहीं हूं, जो चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली जाऊंगा, लेकिन फिर भी मैंने कोशिश की और हमारे सबूत भी आ गए, लेकिन मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया, जो कि तानाशाही रवैया है। तेज बहादुर यादव के वकील राजेश गुप्ता ने बताया कि हमने सभी सबूत दिए, लेकिन बावजूद इसके हमारा नामांकन रद्द कर दिया गया।

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