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पढ़ाई और क्रिकेट में फिसड्डी, राजनीति में ‘तेजस्वी’

बिहार में नीतीश कुमार का शपथग्रहण समारोह शुक्रवार को बड़े तामझाम से मनाया जा रहा है। वैसे तो राष्ट्रीय जनता दल के नेता नीतीश कुमार की तीन संतानों को मंत्री पद की शपथ दिलाए जाने की संभावना है लेकिन विश्वस्त सूत्र बताते हैं ‌कि उनके सबसे छोटे बेटे तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। तेजस्वी यादव ने महज नौवीं तक पढ़ाई की है जबकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मौका मिलने पर चार पारियों में सिर्फ तीन रन बनाए हैं।
पढ़ाई और क्रिकेट में फिसड्डी, राजनीति में ‘तेजस्वी’

सूत्र बताते हैं कि नीतीश मंत्रिमंडल में जनता दल (यू) से 12 सदस्यों को मं‌त्री बनाया जा सकता है जिनमें कई नए चेहरे होंगे। वहीं राजद की तरफ से लालू प्रसाद के दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप मंत्री पद की शपथ लेंगे। राजभवन के सूत्रों का कहना है कि शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची राज्यपाल रामनाथ कोविंद तक पहुंच चुकी है।

राजद कोटे से जिन 12 सदस्यों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी उनमें तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, अब्दुल गफूर, विजय प्रकाश, चंद्रिका राय, मुंद्रिका सिंह यादव, संतोष निराला, राम विचार राय और शिव चंद्र राम शामिल हैं। तेजस्वी ने ‌अपनी मां राबड़ी देवी से विरासत में मिली राघोपुर सीट से 90 हजार वोट पाकर यह जीत हासिल की है। राबड़ी देवी इसी सीट से जीतकर दो बार बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। जिस दिन चुनाव नतीजे घोषित हुए, उसी दिन तेजस्वी 26 साल के हुए। राजनीति में पहली बार ही चुनाव जीतकर उप-मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करने वाले तेजस्वी दरअसल दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से सिर्फ नौवीं पास हैं।

इतना ही नहीं, क्रिकेट में किस्मत आजमा चुके तेजस्वी विफल साबित हुए और आईपीएल में चार बार बल्लेबाजी करने के बाद सिर्फ तीन रन ही बना पाए। लेकिन वह करोडों की संपत्ति के मालिक हैं। पिछले साल के आयकर रिटर्न में उन्होंने पांच लाख रुपये से अधिक की आमदनी बताई है जबकि उनकी कुल संपत्ति तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये है। उन्होंने करीब 34 लाख रुपये का भी कर्ज ले रखा है।

नीतीश मंत्रिमंडल में कांग्रेस पार्टी से शपथ लेने वाले विधायकों में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अशोक चौधरी, मदन मोहन झा, अब्दुल जलील मस्तान और अवधेश कुमार सिंह की भी चर्चा है। विधानसभा चुनाव में राजद को 80 सीटें जबकि जद (यू) को 71 और  कांग्रेस को 27 सीटें मिली हैं और पांच विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉर्मूले के हिसाब से राजद के 16 विधायक, जद (यू) के 14 और कांग्रेस को पांच या छह सदस्य मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। 

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