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हरियाणा में मतगणना कल- क्या होगा अगर किसी भी पार्टी को नहीं मिला बहुमत

हरियाणा विधानसभा के चुनाव नतीजे गुरुवार को आने वाले हैं। राज्य के चुनावी नतीजे चौंकाने हो सकते हैं।...
हरियाणा में मतगणना कल- क्या होगा अगर किसी भी पार्टी को नहीं मिला बहुमत

हरियाणा विधानसभा के चुनाव नतीजे गुरुवार को आने वाले हैं। राज्य के चुनावी नतीजे चौंकाने हो सकते हैं। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का एक्जिट पोल ही नहीं, बल्कि मतदाताओं का मूड और भाजपा सरकार के हावभाव से संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव नतीजों में कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा से बहुत पीछे नहीं रहेगी।

एक्जिट पोल के संकेत

हरियाणा में मतदान होने के दूसरे दिन यानी मंगलवार को इंडिया-टुडे माइ इंडिया के एक्जिट पोल में कहा गया कि भाजपा को 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में 32 से 44 सीटें मिलेंगी। जबकि कांग्रेस को 30 से 42 सीटें मिलने की उम्मीद है। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को 6 से 10 सीटें मिल सकते हैं। हालांकि इससे पहले यानी चुनाव वाले दिन सोमवार को जारी अधिकांश एक्जिट पोल ने भाजप को स्पष्ट बहुमत से लेकर तीन चौथाई तक बहुमत मिलने की संभावना जताई थी। उनमें कांग्रेस को अधिकतम 20 सीटें सीटें मिलने की संभावना जताई थी। लेकिन एक बाद आए सर्वे के बारे में कहा गया कि राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने के कारण यह ज्यादा व्यापक और एक दिन की देरी भी इसी वजह से हुई। सेंपल काफी बड़ा होने के कारण इस सर्वे को ज्याटा सटीक माना जा रहा है।

क्या कांग्रेस ने रातों-रात बदल दी चुनाव की धारा

सर्वेक्षणों से हटकर भी देखें तो भी लगता है कि राज्य में कांग्रेस ने बहुत कम समय में मतदाताओं पर खासा असर डाला। कांग्रेस के चुनाव प्रचार की बागडोर संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा की खट्टर सरकार की खामियां निकालना और आम जनता की तकलीफों को उभारने पर जोर दिया। यही नहीं, मोटर व्हीकल एक्ट के नए ट्रैफिक रूल्स और भारी जुर्माने को भी हुड्डा ने मुद्दा बना दिया। उन्होंने जनसभाओं में कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे जेब खाली करने वाला भारी-भरकम जुर्माना नहीं लगेगा।

वादे बनाम अनुच्छेद 370

कांग्रेस ने हर वर्ग को लुभाने के लिए वादों की झड़ी लगा दी। हुड्डा ने घोषणा की कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो पहला फैसला किसानों के कर्ज माफ करना का ही होगा। इस घोषणा ने किसानों पर खासा असर डाला। यही नहीं, कांग्रेस ने बुजुर्गों को पेंशन देने और दूसरी कई सुविधाओं के वादे किए। इसके विपरीत, भाजपा ने कश्मीर के अनुच्छेद 370  के भावनात्मक मुद्दे से वोटों की बारिश होने की उम्मीद लगाई है। इसी वजह से उसने कोई बड़ी वादे करने के बजाय स्वच्छ प्रशासन पर जोर दिया। उसने कोई बड़ा वादा नहीं किया।

क्या भाजपा जोड़तोड़ करेगी

किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना न होने के कारण भाजपा सरकार के हावभाव बदलते दिख रहे हैं। अगर भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो वह जोड़तोड़ करके सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो विभाजित जनादेश के बीच भाजपा सरकार बनाने की हरसंभव कोशिश करेगी। वह इसके लिए जेजेपी के साथ समझौता भी कर सकती है।

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