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दिल्ली चुनाव: गोकुलपुर से ग्राउंड रिपोर्ट, अवैध कालोनी का नियमितीकरण सबसे बड़ा मुद्दा

दिल्ली विधानसभा का गोकुलपुर विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के नियमन का मुद्दा हावी होता दिख रहा...
दिल्ली चुनाव: गोकुलपुर से ग्राउंड रिपोर्ट, अवैध कालोनी का नियमितीकरण सबसे बड़ा मुद्दा

दिल्ली विधानसभा का गोकुलपुर विधानसभा क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के नियमन का मुद्दा हावी होता दिख रहा है। उत्तर-पूर्व दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के तहत गोकुलपुर क्षेत्र में निम्न आय वर्ग के लोगों की आबादी बहुत ज्यादा है। अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए हाल में आम आदमी पार्टी और भाजपा के फैसलों पर मतदाता सबसे ज्यादा चर्चा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज इस क्षेत्र में रोड शो किया। जबकि भाजपा और कांग्रेस भी केजरीवाल सरकार की कमियां गिनाकर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं।

गोकुलपुर क्षेत्र पहले नंद नगरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद गोकुलपुर विधानसभा क्षेत्र बना। इस इलाके में कई अनधिकृत कॉलोनी हैं। इसके अलावा औद्योगिक कचरे की परेशानी और अपराध मुख्य मुद्दे हैं।

केजरीवाल ने रोड शो में भाजपा पर किया हमला

आज गोकुलपुर में रोड शो करते हुए केजरीवाल ने अपनी सरकार के कार्यों के बारे में जानकारी दी और भाजपा पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 200 सांसदों, 70 केंद्रीय मंत्रियों और 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली चुनाव में लगाया है। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि अगर भाजपा के बाहरी नेता प्रचार के लिए आएं तो उनसे बिजली की दरों के बारे में पूछना तो पता चलेगा कि उन राज्यों में बिजली दिल्ली से बहुत महंगी है। आप ने इस क्षेत्र से चौधरी सुरेंद्र सिंह को टिकट दिया है।

क्या कच्ची कॉलोनी का मुद्दा निर्णायक साबित होगा

पिछले दिनों, भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक धन्यवाद रैली का आयोजन किया था जिसमें पार्टी ने इन कॉलोनियों के नियमतीकरण के लिए सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में बताया। जबकि केजरीवाल ने गारंटी कार्ड जारी करते हुए कहा है कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को पक्का मकान दिया जाएगा. ऐसे में कच्ची कॉलोनी का मुद्दा इस सीट पर निर्णायक साबित हो सकता है। लेकिन मतदाता किसको वोट करेंगे, इसका इंतजार दोनों पार्टियों को है।  

पिछली बार चुनाव की स्थिति

आप के विधायक फतेह सिंह को 2015 में कुल 71,240 वोट मिले थे, वहीं भाजपा के रंजीत सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें कुल 39,272 वोट मिले थे, यानी दोनों के बीच अंतर लगभग 30 हजार वोटों का रहा। कांग्रेस महज 3,344 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रही थी। बहुजन समाज वादी पार्टी के उम्मीदवार को कांग्रेस उम्मीदवार के मुकाबले लगभग 27,000 अधिक वोट मिले थे।

इस बार इनके बीच मुकाबला

आप ने इस बार अपने प्रत्याशी को बदल दिया है। उन्होंने मौजूदा विधायक फतेह सिंह के बदले चौधरी सुरेंद्र कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा ने पुराने चेहरे पर भरोसा दिखाते हुए रंजीत सिंह कश्यप को एक बार फिर से अपना भाग्य आजमाने का मौका दिया है। कांग्रेस ने नई उम्मीद के साथ एसपी सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। जाहिर है कि भाजपा इस बार पुराने चेहरे को तरजीह देने की रणनीति पर काम कर रही है। उसकी रणनीति है कि पिछले चुनाव में हार और उसके बाद क्षेत्र में काम करने का अनुभव कश्यप के काम आएगा।  

कांग्रेस को पिछला गौरव लौटने की उम्मीद

कांग्रेस भले ही पिछले चुनाव में चौथे स्थान पर रही थी, लेकिन इस बार वह नए आत्म विश्वास से इस क्षेत्र में उतर रही है। कांग्रेस ने डॉ. एस. पी. सिंह को अपना प्रत्याशी बनाकर गुटबंदी से ऊपर उठकर जीत पाने का प्रयास किया है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने गोकुलपुर में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि हमें दिल्ली में कांग्रेस के गौरव को लौटाना होगा और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

बुनियादी विकास के लिए आप से सवाल

चोपड़ा ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शीला दीक्षित को याद करते हुए कहा कि वास्तव में विकास कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था जबकि मेट्रो और फ्लाईओवर का जाल बिछा और लोगों को बिजली और पानी की किल्लत से निजात मिली। उन्होंने भाजपा और आप पर हमला करते हुए कहा कि इस बार कांग्रेस का मुकाबला दो नौटंकी पार्टियों से है। चोपड़ा ने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार ने बुनियादी विकास पर ध्यान दिया होता तो अनाज मंडी जैसा हादसा नहीं होता। काग्रेस के प्रत्याशी डा. एस. पी. सिंह ने कहा कि उनका क्षेत्र बहुत ही पिछड़ा है। आप सरकार ने इस क्षेत्र में कोई काम नहीं किया। वे क्षेत्र में स्कूल, पार्क, अस्पताल, सड़कों और दूसरी सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए काम करेंगे।

क्या कहते हैं मतदाता

चुनावी संभावनाओ की बात करें तो यहां बिजली, पानी, मोहल्ला क्लीनिक और फ्री बस सेवा जैसी सुविधाओं से मतदाता खासे प्रभावित हैं। यहां चाय की दुकान चलाने वाले हरी राम का कहना है कि इन सुविधाओं को उनके और उन जैसे तमाम लोगों को काफी सहूलियत मिली है। इन सुविधाओं का असर इस क्षेत्र में दिखने का एक कारण यह भी है कि यहां अधिकांश लोग निम्न आय वर्ग के हैं, जिनके लिए छोटी बचत भी बड़ा मायने रखती है। हालांकि सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर कई मतदाता आप के रुख को लेकर थोड़े असमंजस में जरूर दिखाई देते हैं।

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