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एक्जिट पोल: अब क्या करेंगे ओवैसी, सीटों में नहीं दिखा जादू

पश्चिम बंगाल का चुनावी खेला गुरुवार को आठवें चरण की वोटिंग के साथ ही गुरुवार को खत्म हो गया। इस बार...
एक्जिट पोल: अब क्या करेंगे ओवैसी, सीटों में नहीं दिखा जादू

पश्चिम बंगाल का चुनावी खेला गुरुवार को आठवें चरण की वोटिंग के साथ ही गुरुवार को खत्म हो गया। इस बार वोटिंग प्रतिशत ने पिछले रिकॉर्ड भी तोड़ दिए। राज्य की 294 सीटों के लिए हुई वोटिंग के नतीजे तो 2 मई को आएंगे लेकिन एग्जिट पोल ने अपने अनुमान जारी कर दिए। एग्जिट पोल की मानें तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को चुनाव में अधिक लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। बता दें कि ओवैसी की पार्टी मालदा और मुर्शिदाबाद से चुनाव लड़ रही थी, जहां पर सातवें और आठवें चरण में मतदान हुआ था।

बंगाल में मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर पार्टियों में होड लगी थी। बिहार में पांच सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बंगाल की सियासी समर में कूदने का ऐलान किया था। ओवैसी की पार्टी ने शुरू में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया, लेकिन पीरजादा के संयुक्त मोर्चा में चले जाने से ओवैसी अकेले पड़ गए. असदुद्दीन ओवैसी ने इसके बाद मालदा और मुर्शिदाबाद के 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की लेकिन एग्जिट पोल में ओवैसी का जादू बेअसर दिखता नजर आ रहा है।

पीरजादा पार्टी की बात करें तो बंगाल में संयुक्त मोर्चा को सभी सर्वे में करीब-करीब 15-20 सीटें मिल रही है। हालांकि पीरजादा की पार्टी आईएसएफ के बारे में अब तक किसी भी सर्वे में कोई बात नहीं की गई है। बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही ह।. बंगाल में पार्टी बनाने के बाद पीराजादा संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.। पीरजादा की पार्टी दक्षिण 24 परगना, बर्दवान और दिनाजपुर इलाके चुनाव लड़ रही है। पीरजादा ने चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोला था।

बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम बहुल करीब 120 सीट है, जहां पर ये मुस्लिम वोटर्स द्वारा जीत और हार तय किया जाता है।. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद जिले में मुस्लिम बहुल सीट अधिक है। पिछले चुनाव में इन 120 सीटों में से टीएमसी को करीब 70 सीटे मिली थी। साल 2016 में राज्य की 294 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस ने 211, कांग्रेस ने 44, सीपीआई(एम) ने 24 और भाजपा ने 3 सीट पर कब्जा किया था लेकिन पांच साल में राज्य के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 42 में से 18 सीट पर कब्जा किया था। इसके बाद राज्य में भाजपा टीएमसी के खिलाफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

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