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दिल्ली चुनावः शालीमार बाग से ग्राउंड रिपोर्ट, साहिब सिंह वर्मा के क्षेत्र में आप- भाजपा का सीधा मुकाबला

दिल्ली विधानसभा चुनाव में उत्तरी दिल्ली की सीट शालीमार बाग कभी भाजपा का मजबूत होता था। दिल्ली के...
दिल्ली चुनावः शालीमार बाग से ग्राउंड रिपोर्ट, साहिब सिंह वर्मा के क्षेत्र में आप- भाजपा का सीधा मुकाबला

दिल्ली विधानसभा चुनाव में उत्तरी दिल्ली की सीट शालीमार बाग कभी भाजपा का मजबूत होता था। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के चुनाव क्षेत्र रहे शालीमार बाग में भाजपा और आम आदमी पार्टी की सीधी टक्कर दिखाई देती है। यहां केजरीवाल सरकार की रियायतों से मतदाता काफी प्रभावित हैं, हालांकि कई समस्याएं चुनाव पर असर डाल सकती हैं।

पुराने चेहरों पर दांव

यहां पिछले दो विधानसभा चुनावों में आप के टिकट पर जीत दर्ज करने वाली वंदना कुमारी ही इस बार भी भाग्य आजमा रही हैं। वह दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर भी रही हैं। अन्ना आंदोलन से जुड़ी रहने के बाद उन्होंने राजनीतिक में कदम रखा। जबकि भाजपा ने पिछले चुनाव में पराजय देखने वाली रेखा गुप्ता पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने इसी क्षेत्र के प्रमुख व्यवसायी जे. एस. नयोल को टिकट दिया है।

कभी भाजपा का मजबूत गढ़ था

यह सीट पहले बाहरी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आती थी। लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद इसे चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया। दिल्ली को राज्य का दर्जा मिलने के बाद 1993 में हुए पहले चुनाव में वर्मा ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद 1998 से 2013 तक भाजपा के रविंद्र बंसल विधायक रहे। लेकिन 2013 में हुए चुनाव वह वंदना कुमारी से हार गए। 2015 के चुनाव में भाजपा की रेखा गुप्ता को हराकर वंदना कुमारी ने जीत दर्ज की।

पिछले चुनावों में स्थिति ऐसी रही

भाजपा की एक समस्या यह भी है कि कांग्रेस के कमजोर पड़ने से आप को मजबूती मिली। इसी वजह से पिछले चुनाव में आप को 52 फीसद फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे।  भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़कर 43 फीसदी होने के बावजूद वह हार गई। कांग्रेस को सिर्फ दो फीसदी वोट मिले थे। 2013 के चुनाव में आप को 44 फीसदी, भाजपा को 34 फीसदी और कांग्रेस को 14 फीसदी वोट िमले थे।  इस क्षेत्र में करीब 1.74 लाख मतदाता हैं।

विकास के बजाय राष्ट्रवाद पर भाजपा का जोर

भाजपा शाहीनबाग और सीएए विरोध को मुद्दा बनाकर आप को घेरने और मतदाताओं को अपने पाले में प्रयास कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने मंगलवार की शाम को यहां एक नुक्कड़ सभा में कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि शरजील इमाम को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करना चाहिए, नहीं तो भाजपा उसके साथ संबंधों के बारे में बताएं। शरजील को गिरफ्तार कर लिया गया है, अब हम तुमसे पूछते हैं कि तुम्हारा शाहीन बाग से क्या रिश्ता है? उन्होंने विकास के मुद्दे पर कुछ भी बोलने के बजाय इसी लाइन पर आगे बढ़ते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेएनयू में कन्हैया कुमार और उमर खालिद जैसे लोगों को समर्थन देते है। भाजपा राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।

ये मुद्दे चुनाव पर असर डाल सकते हैं

मुख्य तौर पर वैश्य समाज के बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में झुग्गी बस्तियों के मतदाताओं की भी मजबूत मौजूदगी है। इस क्षेत्र में मध्यम वर्ग के लिए पार्किंग स्पेस की किल्लत बड़ी समस्या है जबकि झुग्गी बस्तियों के निवासी पानी की किल्लत, अन्य सार्जविक सुविधाओं की कमी, अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम से परेशान रहते हैं।

मतदाता की राय कुछ इस प्रकार

दो बार इस सीट को गंवा चुकी भाजपा के लिए इस बार भी जीत हासिल करना बहुत कठिन बना हुआ है क्योंकि बिजली, पानी और बस सेवा की रियायतों से मतदाता खासा प्रभावित हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में आने वाला हैदरपुर गांव के एक निवासी श्याम शर्मा ने कहा कि बिजली में रियायत मिलने से लोगों को खासी राहत मिली है। इसके अलावा महिलाओं को मुफ्त बस सेवा से उन्हें सहूलियत हुई है। हालांकि पानी के मामले में राहत कम, समस्या ज्यादा है। नलों में पानी नहीं आता है और टैंकर समय पर नहीं आते हैं। उपलब्ध पानी भी गंदा होता है। क्षेत्र के एक अन्य निवासी सत्यपाल शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में कुछ विकास कार्य अवश्य हुए हैं जैसे सड़कें बनीं, सीवर लाइन बिछी और सीसीटीवी कैमरे लगे।

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