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केरल में लेफ्ट गठबंधन का कब्जा, उत्तर प्रदेश-त्रिपुरा भाजपा तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली जीत

चार राज्यों में हुए उपचुनावों में उत्तरप्रदेश की हमीरपुर और त्रिपुरा की सीट पर भाजपा ने कब्जा कर लिया...
केरल में लेफ्ट गठबंधन का कब्जा, उत्तर प्रदेश-त्रिपुरा भाजपा तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली जीत

चार राज्यों में हुए उपचुनावों में उत्तरप्रदेश की हमीरपुर और त्रिपुरा की सीट पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है जबकि केरल की पाला सीट पर लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के मणि सी कप्पन ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के जोस टॉम को हरा दिया है। वहीं, छत्तीसगढ़ की दंतेवाड़ा सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस की देवती कर्मा 11192 मतों के अंतर से चुनाव जीत गई हैं। इन सीटों पर 23 सितंबर को मतदान हुआ था।

यूडीएफ के गढ़ पर लेफ्ट गठबंधन का कब्जा

पाला सीट पर कप्पन को 54137 मत मिले जबकि जोस टॉम को 51194 मत प्राप्त हुए। कप्पन ने 29 सौ मतों के अंतर से जीत हासिल की। इस सीट पर 176 बूथ पर 71.43 फीसदी मतदान हुआ था। कुल 13 उम्मीदवार मैदान में थे। यह सीट यूडीएफ का गढ़ रही है। पूर्व वित्त मंत्री एवं केरल कांग्रेस (एम) के नेता केएम मणि के अप्रैल में निधन के चलते यहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी। मणि ने पांच दशक तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया।

त्रिपुरा सीट फिर भाजपा की झोली में

त्रिपुरा की बाधरघाट विधानसभा सीट पर भाजपा की मिनी मजूमदार चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने सीपीआई-एम के बुलती बिस्वास को 5276 मतों के अंतर से हराया है। यह सीट भाजपा के विधायक रहे दिलीप सरकार के निधन के कारण खाली हो गई थी। मजूमदार को 20487 मत मिले जबकि बिस्वास को 15211 मत मिले।

हमीरपुर पर युवराज सिंह जीते

हमीरपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के युवराज सिंह चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने सफा के मनोज प्रजापति को हराया है। युवराज सिंह को 74500 मत मिले हैं जबकि सपा को 57300 मत मिले। भाजपा ने यह सीट 17 हजार मतों के अंतर से जीती। इस सीट पर 51 फीसदी मतदान हुआ था।  हमीरपुर विधायक रहे अशोक सिंह चंदेल को हत्या के एक मामले में हाई कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता खत्म होने से यह सीट रिक्त हुई थी।

दंतेवाड़ा पर कांग्रेस का कब्जा

छत्तीसगढ़ की दंतेवाड़ा सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस की देवती कर्मा 11192 मतों के अंतर से चुनाव जीत गई हैं।उन्होंने भाजपा की ओजस्वी मंडावी को हराया है। कर्मा को 50028 मत मिले हैं जबकि मंडावी को 38836 मत प्राप्त हुए हैं।

नक्सल हिंसाग्रस्त दंतेवाड़ा की यह सीट भाजपा के विधायक की हत्या के बाद खाली हुई थी। दोनों प्रमुख पार्टियों ने ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, जो नक्सल हिंसा के पीड़ित रह चुके हैं। वर्ष 2013 में झीरम घाटी में नक्सलियों के हमले में महेंद्र करमा की मौत हो गयी थी जबकि ओजस्वी नक्सली हमले में मारे गये भाजपा नेता भीमा मंडावी की पत्नी हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में देवती करमा भीमा मंडावी से 2,172 मतों के अंतर से हार गयी थीं।

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