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मेरठ और कैराना की लड़ाई में किसका पलड़ा भारी, जानिए आज की ग्राउंड रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हंगामा के कारण कुछ देर मतदान बाधित रहने के बाद...
मेरठ और कैराना की लड़ाई में किसका पलड़ा भारी, जानिए आज की ग्राउंड रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हंगामा के कारण कुछ देर मतदान बाधित रहने के बाद भी बहुच‌र्चित कैराना लोकसभा क्षेत्र मे शाम बजे तक करीब 60 फीसदी मतदान की सूचना है। जबकि मेरठ लोकसभा क्षेत्र में दोपहर तीन बजे तक 50.57 फीसद मतदान हो गया था । प्रशासन का कहना है कि जिले में मतदान शांतिपूर्ण हो रहा है। हालांकि कैराना लोकसभा क्षेत्र के गांव रसूलपुर गुजरान में गुरुवार को मतदान के दौरान हंगामा हो गया। दो ग्रामीणों ने मतदानकर्मियों पर उन्हें वोट न डालने देने और खुद ही एक प्रत्याशी को वोट देने का आरोप लगाया। इसकी जानकारी जब अन्य ग्रामीणों को ‌मिली तो बड़ी संख्या में वह बूथ पर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। इससे मामला बढ़ गया और कुछ देर मतदान बाधित रहा।


सुबह से ही लगी लंबी लाइनें


मेरठ लोकसभा क्षेत्र में तमाम मतदान केंद्रों पर सुबह से लोगों की लंबी लाइनें लगी दिखाई दीं। अनेक मतदाता गर्मी से बचने के लिए सुबह ही वोट डालने पहुंच गए। इस तरह जिन मतदान केंद्रों पर भीड़ दिखाई दी, वहां दोपहर से भीड़ कम हो गई। यहां भाजपा की ओर से राजेंद्र अग्रवाल को उतारा गया है। बसपा ने हाजी याकूब कुरैशी और कांग्रेस ने हरिंदर अग्रवाल को टिकट दिया है।


मेरठ में मतदान शांतिपूर्ण


प्रशासन ने कहा है कि लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर मतदान सामान्य रूप से चल रहा है। दोपहर तीन बजे तक 50.57 फीसदी मतदान हो गया। तीन बजे तक मेरठ दक्षिण, सिवालखास, हस्तिनापुर और सरधना विधानसभा क्षेत्र में 51 फीसदी, किठौर में 52 फीसदी, मेरठ केंट में 48 फीसदी, मेरठ सिटी में 50 फीसदी मतदान हुआ। अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी क्षेत्रों में जिस तेजी से मतदान हुआ उससे कुल मतदान काफी अच्छा रहेगा। लोगों का अनुमान है कि कुल मतदान 70 फीसद तक पहुंच सकता है।


कैराना में पुलिस ने की हवाई फायरिंग


कैराना में जिस समय विवाद चल रहा था, उस समय एमएलसी और भाजपा नेता विरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे। विवाद बढ़ता देख बीएसएफ जवान ने पांच राउंड हवाई फायरिंग की जिससे हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया। सूचना मिलने पर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार भी गांव पहुंच गए। ग्रामीणों को समझाया-बुझाया और मतदान की अपील की। इसके बाद ग्रामीणों ने मतदान शुरू किया।


इस तरह हुआ विवाद


कैराना लोकसभा क्षेत्र के गांव प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर गुजरान को मतदान केंद्र बनाया गया है। सुबह से यहां शांतिपूर्वक मतदान चल रहा था। सुबह 11 बजे के करीब गांव के अजमेर सिंह और पहल सिंह ने ग्रामीणों को सूचना दी कि मतदानकर्मियों ने उनका वोट सपा उम्मीदवार को डाल दिया, जबकि वोट उन्हें किसी और को देना चाहते थे। इसकी जानकारी मिलने पर गांववासियों में आक्रोश फैल गया और एकत्र होकर मतदान केंद्र पर इकट्ठे होने लगे। भीड़ को वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने रोकने की कोशिश भी की। इसके बाद ग्रामीणों की सुरक्षाकर्मियों से नोकझोंक भी हुई। मतदानकर्मियों के साथ विवाद होने लगा। सुरक्षाकर्मी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा था। 11.05 मिनट से दोपहर 12.30 बजे तक मतदान बाधित रहा। इसके बाद फिर से मतदान शुरू हुआ।


प्रशासन ने कहा, पहचान पत्र न होने पर विवाद

शामली के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने घटना के बारे में आउटलुक को बताया कि मतदान किसी के पक्ष में करने जैसी कोई बात नहीं थी। सुरक्षा के लिए रसूलपुर गुजरान में लगे बीएसएफ के जवानों ने जब बिना पहचान पत्र लिए मतदान के लिए पहुंचे करीब 15-20 लोगों को रोका तो विवाद हुआ। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जवानों ने कुछ हवाई फायर किए। बाद में हालात सामान्य हो गए और मतदान दोबारा शुरू हो गया।


कैराना में शाम पांच बजे तक 60 फीसदी वोटिंग


जिलाधिकारी ने बताया कि कैराना लोकसभा क्षेत्र में शाम पांच बजे तक 60 फीसदी वोटिंग हो गई। इस लिहाज से मतदान का कुल प्रतिशत थोड़ा और बढ़ सकता है। यहां प्रचलित ट्रेंड के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग शाम को वोट देने के लिए मतदान केंद्र पर पहुंचते है जबकि शहरों में ज्यादातर मतदाता दोपहर तक वोट डाल देते हैं।

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