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ईवीएम पर विपक्ष पहुंचा चुनाव आयोग, वीवीपैट से 50 प्रतिशत पर्चियों के मिलान की मांग

लंदन में अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन...
ईवीएम  पर विपक्ष पहुंचा चुनाव आयोग, वीवीपैट से 50 प्रतिशत पर्चियों के मिलान की मांग

लंदन में अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैकिंग को लेकर किए गए खुलासे के बाद चुनाव आयोग कई बार इस पर अपनी सफाई दे चुका है। सोमवार को विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग पहुंचे और वीवीपैट से 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग की।

 

कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और अहमद पटेल सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त को इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा। इस पर लोकसभा और राज्यसभा में 22 विपक्षी दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर कर आयोग से 50 प्रतिशत वीवीपैट की पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान करने की साझा मांग की। प्रतनिधिमंडल नें टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, राकांपा के माजिद मेमन, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद के मनोज झा, माकपा के मोहम्मद सलीम, भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेता शामिल थे।बता दें कि आम आदमी पार्टी, टीएमसी, बीएसपी समेत कई विपक्षी दल ईवीएम पर संदेह जता चुके हैं और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

बैठक के बाद आजाद ने बताया आयोग ने हमें विश्वास दिलाया है कि इस मुद्दे पर एक समिति गठित की है और इसकी रिपोर्ट आम चुनाव से पहले आयेगी जिसे प्रकाशित किया जायेगा। सभी दलों की सहमति से आयोग के समक्ष ईवीएम की विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिये प्रत्येक राज्य में आधे मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने का सुझाव पेश किया है। आयोग से यह व्यवस्था लोकसभा और विधानसभा चुनाव सहित सभी चुनाव में लागू करने का अनुरोध किया है।

दो तीन देश ही कर रहे हैं ईवीएम इस्तेमाल

टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को कहा, 'हमने सभी विपक्षी दलों से बातचीत की है। हम सभी आगे बढ़ेंगे। हमें संविधान, देश और संघीय ढांचे को बचाना है। आज शाम को सभी विपक्षी दल चुनाव आयोग जाएंगे।' कई विपक्षी दल दावा करते रहे हैं कि सिर्फ दो-तीन देश ही ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं, बाकी देश इन मशीनों में शिकायतों के चलते बैलट पेपर सिस्टम पर वापस लौट चुके हैं।

इस मामले पर कांग्रेस ने हाल ही में कहा था कि ईवीएम से जुड़े संदेह को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे।

विपक्षी दलों ने मिलकर बनाई थी रणनीति

दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली में हुई विपक्षी दलों के नेताओं के बीच बैठक में ईवीएम को लेकर चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि सोमवार को सांय 5.30 बजे विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग से मुलाकात कर एक ज्ञापन देंगे। इतना ही नहीं चुनाव आयोग के समक्ष ईवीएम की जगह पुरानी पद्धति यानि बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग की जाएगी।

बैठक में विपक्ष के कुछ नेताओं का कहना था कि यदि चुनाव आयोग बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं होता तो उसे सौ फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान करने की मांग को स्वीकार करना चाहिए।

अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट द्वारा ईवीएम हैकिंग को लेकर किये गए खुलासे तथा अभी हाल ही में हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावो में बड़ी मात्रा में ईवीएम मशीनों के खराब होने की शिकायतों को आधार बनाकर विपक्ष चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग करेगा।

तकनीक का दुरुपयोग करना आसान है: चंद्रबाबू नायडू

इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम चंद्रबाबू नायडू भी ईवीएम को लेकर आरपार की लड़ाई लड़ने का कह चुके हैं। बीते माह 26 जनवरी को अमरावती में टीडीपी सांसदों को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि कोई भी तकनीक का दुरुपयोग कर सकता है।

नायडू ने कहा कि तकनीक का दुरुपयोग करना आसान है। यह खासतौर से उस व्यक्ति के लिए आसान है जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम तैयार करता है। निर्वाचन आयोग केवल रेफरी है। उसे ऐसी प्रणाली लागू नहीं करनी चाहिए जिस पर भरोसा ना हो।

माना जा रहा है कि ईवीएम हैकिंग को लेकर पैदा हुआ संदेह पर अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट की मुहर लगने के बाद अब विपक्ष ईवीएम के मुद्दे पर आरपार की लड़ाई लड़ेगा। कांग्रेस, सपा, बसपा, टीडीपी, तृणमूल कांग्रेस, राजद, जेडीएस सहित तमाम विपक्षी दल ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने कोई मांग लेकर सोमवार को एक बार फिर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।

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