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जानें इन 12 हॉट सीटों का हाल, किसने लहराया जीत का परचम, किसे मिली हार

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों और रुझानों से ये साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने इतिहास रच दिया...
जानें इन 12 हॉट सीटों का हाल, किसने लहराया जीत का परचम, किसे मिली हार

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों और रुझानों से ये साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने इतिहास रच दिया है। एनडीए स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। इस बीच कई ऐसे भी हैं जिन्होंने इस चुनाव में जीत का परचम लहराया तो कई ऐसे हैं जिन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में जिन दिग्गजों की साख दांव पर थी उनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रधानमंत्री मोदी, दिग्विजय सिंह, कन्हैया कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डिंपल यादव, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अजीत सिंह अमित शाह और महबूबा मुफ्ती की सीटें शामिल हैं।

आइए जानते हैं उन 12 हॉट सीटों का हाल किसने मोदी लहर में मारी बाजी और किसे करना पड़ा हार का सामना- 

वाराणसी सीट से नरेंद्र मोदी जीते

-इस सीट से पीएम नरेंद्र मोदी 478,690 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। सपा उम्मीदवार शालिनी यादव दूसरे स्थान पर रहीं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट होने के कारण इस सीट पर पूरे देश की नजरें थीं। नरेंद्र मोदी को कुल 6,74,664 वोट मिलें जबकि शालिनी यादव को 1,95,159 वोट मिलें। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय रहें। उन्हें 1,52,548 वोट मिले।

अमेठी से राहुल गांधी हारे

- इस सीट से स्मृति ईरानी चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 54,731 मतों के अंतर से हराया है।

कांग्रेस का दुर्ग कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट चर्चित सीटों में से एक है। सपा-बसपा गठबंधन ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था।

2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी इस सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए थे। बीजेपी ने राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी को यहां से मैदान में उतारा था। वहीं, आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने भी यहां से चुनाव लड़ा था। ईरानी ने 3 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर राहुल को कड़ी टक्कर दी थी जबकि कुमार विश्वास की जमानत जब्त हो गई थी।

कन्नौज से डिंपल यादव हारीं

- इस सीट से बीजेपी के सुब्रत पाठक जीत गए हैं। सुब्रत ने 12,086 मतों से डिंपल यादव को हराया है।

कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की प्रत्याशी हैं। 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी यहां कमल नहीं खिला सकी थी। डिंपल को चुनौती देने बीजेपी ने सुब्रत पाठक पर दांव खेला है। मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच है। शिवसेना, भारतीय वंचित समाज पार्टी, राष्ट्रीय क्रांति पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, राष्ट्रीय समाज पक्ष के अलावा तीन निर्दलीय भी चुनावी मैदान में हैं।

आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव जीते

- इस लोकसभा सीट से अखिलेश यादव ने निरहुआ को 259,339 वोटों से हराया है।

यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं मुलायम सिंह यादव। मगर इस बार सपा की ओर से खुद अखिलेश यादव चुनावी मैदान में हैं। अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को उतारा है। अखिलेश यादव के खिलाफ भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को उतार कर बीजेपी ने सबको चौंका दिया। आजमगढ़ सीट पर छठे चरण में मतदान हुए। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी के रमाकांत त्रिपाठी को हराया था।

मैनपुरी से मुलायम सिंह जीते

- इस सीट से मुलायम सिंह यादव ने 94,586 वोटों से भाजपा के प्रेम सिंह को हराया है।

समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस सीट पर मुलायम सिंह के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह शाक्या रहे। 2014 के चुनाव में 2 जगहों से जीत हासिल करने के बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और उन्होंने आजमगढ़ को अपना संसदीय क्षेत्र चुना था। 2014 के चुनाव में चली मोदी लहर का इस सीट पर कोई असर देखने को नहीं मिला था और तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।

बेगुसराय से गिरीराज सिंह जीते

- इस सीट से बीजेपी के गिरीराज सिंह ने 419,660 वोटों से सीपीआई के कन्हैया कुमार को हरा दिया है।

बीजेपी उम्मीदवार- गिरीराज सिंह

कांग्रेस उम्मीदवार- केतन पटेल

सीपीआई- कन्हैया कुमार

2014 के नतीजे- 2014 में, बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से भोला सिंह का निर्वाचन हुआ। उन्हें 428227 वोट मिले। उनकी पार्टी बीजेपी है। उन्होंने मो तनवीर हसन को 58335 वोटों से हराया। निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी राजद थी। 2014 में कुल 60.61 प्रतिशत वोट पड़े।

मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान जीते

- इस लोकसभा सीट से संजीव बालियान ने अजीत सिंह को 3,782 वोटों से हरा दिया है।

इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन के बीच महामुकाबला है। गठबंधन की ओर से आरएलडी के प्रमुख चौधरी अजित सिंह मैदान में थे जबकि बीजेपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद संजीव बालियान पर ही दांव लगाया। इस सीट पर कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं उतारा। वहीं शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) ने इस सीट से ओमबीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक और 'जाटलैंड' के नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर अभी भाजपा के कब्जे में है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 69.7 फीसदी वोट पड़े थे। 2014 में इस सीट पर नोटा को 4739 वोट गए थे। इस सीट पर 27 फीसदी मुस्लिम वोटर मौजूद हैं।

भोपाल से दिग्विजय सिंह हारे

- इस सीट से बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर ने 363,933 वोटों से कांग्रेस के दिग्विजय को हरा दिया है।

बीजेपी- प्रज्ञा ठाकुर

कांग्रेस- दिग्विजय सिंह

2014 के नतीजे- भाजपा के अलोक संजर ने जीत हासिल की थी।

गुना (मध्य प्रदेश) से ज्योतिरादित्य सिंधिया हारे

- इस सीट से बीजेपी के केपी यादव ने 124,750 वोटों से कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा दिया है।

बीजेपी- कृष्णपाल सिंह उर्फ केपी यादव

कांग्रेस- ज्योतिरादित्य सिंधिया

2014 के नतीजे- कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जीत दर्ज की थी।

गांधी नगर (गुजरात) सीट से अमित शाह जीते

- इस सीट से अमित शाह 555,843 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने यहां कांग्रेस के डा सीजे चावड़ा हराया हैं।

बीजेपी- अमित शाह

कांग्रेस- डॉ सीजे चावड़ा

2014 के नतीजे- बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी ने इस सीट से जीत दर्ज की थी।

जयपुर ग्रामीण सीट से कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जीते

-  इस सीट से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस की कृष्णा पूनिया लगभग चार लाख वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की है।

जयपुर ग्रामीण सीट से बीजेपी के प्रत्याशी कर्नल राज्यवर्धन सिंह रौठौड़ और कृष्णा पूनिया दोनों ही ओलिंपिक मेडल विजेता हैं और इसीलिए कांग्रेस ने उन्हें राठौड़ के खिलाफ उतारा। हालांकि इस सीट पर उनका जादू नहीं चल पाया। 2014 के आम चुनाव में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इसी सीट पर जीत दर्ज की थी। बीते दिनों हुए विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था और इसके बाद यह राठौड़ के लिए चुनौती बन गई थी। राठौड़ अपनी सीट से दूसरी बार सांसद होंगे।

अनंतनाग से महबूबा मुफ्ती हारीं

-  इस सीट से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती 9,830 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा उलटफेर अनंतनाग सीट पर देखने को मिला जहां नेशनल कांफ्रेंस उम्मीदवार और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हसनैन मसूदी ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा को मात दी। कम मतदान वाले मुकाबले में, मसूदी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर से कड़ी चुनौती मिली लेकिन अंत में मसूदी ने मीर को 6676 वोटों के अंतर से हराया। इस चुनाव में महबूबा का प्रदर्शन अपने गढ़ अनंतनाग में बहुत निराशाजनक रहा और उन्हें केवल 30 हजार 500 वोट मिले। साल 2014 में भाजपा और पीडीपी ने तीन तीन सीटें जीती थीं।

 

 

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