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खट्टर के बाद योगी ने अलापा एनआरसी का राग, कहा- जरूरत पड़ी तो यूपी में भी होगा लागू

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
खट्टर के बाद योगी ने अलापा एनआरसी का राग, कहा- जरूरत पड़ी तो यूपी में भी होगा लागू

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कानपुर में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर घुसपैठियों की पहचान व उनके निर्वासन की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उत्तर प्रदेश में भी एनआरसी लागू होगा। बता दें कि इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी राज्य एनआरसी लागू करने की बात कही थी।

योगी ने कहा कि भारत मानवाधिकारों का समर्थक है लेकिन राष्ट्र की सुरक्षा एवं अखंडता पर कोई समझौता नहीं कर सकता है। उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, कांग्रेस समेत कुछ लोगों ने जम्मू कश्मीर को स्वार्थ का चारागाह बना दिया था। आतंकवाद को समाप्त करने के लिए 370 को खत्म किया गया है। प्रदेश में ढाई साल पहले अराजकता और भष्टाचार का माहौल था। हमने ढाई साल में विकास की गंगा बहाई है।

'केंद्र सरकार ने लिए साहसिक निर्णय'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क में लगभग 500 करोड़ की 50 योजनाओं का शिलान्यास किया। सीएम ने कहा कि, विकास हम सबकी जिंदगी में खुशहाली लाता है। इन योजनाओं से कानपुर को नई उड़ान मिलेगी। कहा कि, आजादी के बाद पहली बार बिना भेदभाव हर व्यक्ति को लाभ देना संभव हुआ है।

सीएम योगी ने कहा कि, केंद्र सरकार के 100 दिन के अंदर के फैसले सबने देखे हैं। फिर चाहे वो अनुच्छेद 370 और 35 (ए) का खात्मा हो। पीएम मोदी देश के हित में जो भी फैसला लेंगे, देश की जनता उनके साथ है। तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म करने का जो साहसिक निर्णय प्रधानमंत्री ने किया है। घुसपैठियों को बाहर निकालने का काम करने का साहसिक निर्णय भी केंद्र सरकार ने लिया है।

'कानपुर को बनाएं प्लास्टिक मुक्त'

सीएम ने नमामि गंगे और स्वच्छ भारत अभियान परियोजना की सफलता का सबसे बड़ा उदाहरण प्रयागराज कुंभ का आयोजन है। स्वच्छता को जीवन में सेवा के रुप में शामिल करना होगा। प्लास्टिक मुक्त भारत होना चाहिए, इसके लिए कानपुर में एक अभियान छेड़ा जाना चाहिए। बहुत जल्द कानपुर मेट्रो सिटी बनेगा। बुनियादी सुविधाओं के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी हम ध्यान दे रहे हैं।

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