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ममता बनर्जी ने किया ‘अल्पसंख्यक कट्टरता’ का जिक्र, ओवैसी ने किया पलटवार

तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से...
ममता बनर्जी ने किया ‘अल्पसंख्यक कट्टरता’ का जिक्र, ओवैसी ने किया पलटवार

तृणमूल कांग्रेस की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबले के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार 'अल्पसंख्यक कट्टरता' का जिक्र किया है और लोगों को इसके खिलाफ सचेत किया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एमआईएम) का नाम लिए बिना उन्होंने इस पर निशाना साधा है।

ममता ने कूचबिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में कहा, 'मैं देख रही हूं कि अल्पसंख्यकों के बीच कई कट्टरपंथी हैं। जैसे हिंदुओं के बीच कई कट्टरपंथी संगठन हैं। इनका ठिकाना हैदराबाद में है और ये भाजपा से पैसे लेते हैं। आप लोग इन पर ध्यान मत दें।' इस बैठक के बाद ममता बनर्जी कूचबिहार स्थित मदन मोहन मंदिर गईं और प्रार्थना की। यहां से वह राजबाड़ी ग्राउंड में आयोजित रास मेला में भी शिरकत करने पहुंचीं।

ओवैसी ने दिया जवाब

इस पर ओवैसी ने ट्वीट किया, 'यह कहना कि बंगाल के मुसलमानों का किसी भी अल्पसंख्यक के मानव विकास सूचकांकों में सबसे खराब में से एक होना धार्मिक कट्टरता नहीं है।' उन्होंने ममता को मई में आए लोकसभा चुनाव नतीजों में बंगाल में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता की भी याद दिलाई और पूछा, 'अगर दीदी हम कुछ 'हैदराबादियों' से चिंतित हैं तो उन्हें हमें यह बताना चाहिए कि बीजेपी बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में 18 पर जीत कैसे गई?'

भाजपा के खिलाफ हों एकजुट: ममता बनर्जी

ममता ने कहा, 'मैं तृणमूल के नेताओं से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील करती हूं। हमारे कार्यकर्ता पार्टी के लिए मूल्यवान हैं। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि नेताओं के अंदर समूहों में काम नहीं करें। एक-दूसरे के खिलाफ टिप्पणी करने वाले तृणमूल नेताओं का अंत होना चाहिए। पार्टी उनके उगले जहर को नहीं निगलेगी। मैं खुश हूं कि तृणमूल के विधायक, पार्षद एकजुट होकर अब एक टीम की तरह काम कर रहे हैं। अगर उन्होंने यह पहले किया होता तो पार्टी को सीटें गंवानी नहीं पड़ती।'

फर्जीवाड़ा है नागरिकता संशोधन विधेयक: ममता

ममता ने तृणमूल कार्यकर्ताओं का ध्यान प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक में हिंदू शरणार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने का बीजेपी की ओर से दिए जा रहे भरोसे की ओर भी खींचा। उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक फर्जीवाड़ा है। उन्हें इसकी याद तब आई जब असम में 19 लाख बंगालियों, गैर-बंगालियों, गोरखाओं का नाम फाइनल एनआरसी लिस्ट में नहीं आ सका। अब वे विधेयक की बात कर रहे हैं जबकि इसके अंदर लोगों को छह साल तक प्रवासी के तौर पर देखा जाएगा।'

हिंदू शरणार्थियों को आश्वासन

उन्होंने कहा, 'आपका नाम वोटर लिस्ट में आ चुका है। आपके बेटे-बेटियां स्कूल जा रहे हैं। आपको राज्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। फिर आपको नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन करने की जरूरत क्या है?' ममता ने बीजेपी, कांग्रेस और सीपीएम पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस और सीपीएम नेता दिल्ली में तो बीजेपी का विरोध करते हैं, लेकिन बांगल आते ही तृणमूल के खिलाफ एकजुट हो जाते हैं।'

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