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दिल्ली में शरद यादव का शक्ति प्रदर्शन आज, राहुल-मनमोहन समेत कई विपक्षी नेता होंगे शामिल

एक ओर जहां महागठबंधन तोड़ नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार बना ली है, तो वहीं जद (यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है।
दिल्ली में शरद यादव का शक्ति प्रदर्शन आज, राहुल-मनमोहन समेत कई विपक्षी नेता होंगे शामिल

जद (यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव गुरुवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ के नाम से एक सम्मेलन कर रहे हैं। इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित बुद्धिजीवी, किसान, बेरोजगार युवा, दलित और देश के सभी हिस्से के आदिवासी भाग लेंगे।

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">Delhi: JD(U) leader Sharad Yadav and Ali Anwar at &#39;Sanjhi Virasat Bachao&#39; event, many Opposition leaders to attend the meet. <a href="https://t.co/rifRjHRvVi">pic.twitter.com/rifRjHRvVi</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/898053064833114113">August 17, 2017</a></blockquote>
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बिहार में एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार बनाने के बाद शरद यादव ने नीतीश के खिलाफ नारा बुंलद कर ये संदेश दे दिया कि दोनों के बीच करीब बीस साल पुरानी दोस्ती पर पूर्णविराम लग गया है। और यही वजह है कि जद (यू) ने शरद को राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया। इतना ही नहीं जद (यू) ने इसके अलावा उनके साथ नीतीश के खिलाफ बगावत करने वाले राज्यसभा के सांसद अली अनवर के खिलाफ भी कार्रवाई की। वहीं, बिहार में शरद यादव के करीबी 21 नेताओं को भी पार्टी से निकाल दिया गया क्योंकि ये लोग शरद यादव के साथ थे।

बता दें कि ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ के लिए शरद यादव पूरी जी जान से जुटे हुए हैं ताकि वह विपक्ष को एकजुट करने वाले नेता के तौर पर अपनी पहचान बना सकें। अपने आगे की सियासी राह तलाशने के लिए आज आयोजित होने वाले ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ से एक दिन पहले मीडिया को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि देश आज चौराहे पर खड़ा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सही रास्ता कहां है। ऐसे में यह जरूरी है कि देशवासी संविधान द्वारा बताए गए रास्ते पर चलें जिससे देश में शांति कायम हो सके।  

इस दौरान यादव ने कहा कि कल होने वाले सम्मेलन का उद्देश्य देश के सभी लोगों को धर्म और क्षेत्र की भावना से ऊपर उठकर संविधान और साझी संस्कृति को बचाने के लिए प्रेरित करना  है। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी लोगों को बराबर का हक दिया गया है। संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, प्रजातांत्रिक गणराज्य बना का वादा किया गया है। संविधान में जो उद्देश्य घोषित किया गया है वह संविधान सभा की 13 दिसंबर 1946 को हुई बैठक में पंडित जवाहर लाल नेहरू और बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा पेश प्रस्ताव में कहा गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा जीवन के सिद्धांत की तरह है। इन्हें एक-दूसरे से कतई अलग नहीं किया जा सकता है।

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