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लोकसभा में राफेल पर हंगामा, ‘टेप’ को लेकर राहुल ने पीएम मोदी को घेरा

राफेल सौदे को लेकर लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा...
लोकसभा में राफेल पर हंगामा, ‘टेप’ को लेकर राहुल ने पीएम मोदी को घेरा

राफेल सौदे को लेकर लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।  राहुल ने बहस के दौरान एक ऑडियो टेप चलाने की मांग की जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने इजाजत देने से इनकार कर दिया। हालांकि लोकसभा में राहुल के टेप को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फर्जी करार दिया है। इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ।

राहुल गांधी राफेल पर आज कांग्रेस द्वारा जारी किए गए ऑडियो टेप को संसद में चलाने की अनुमति मांग रहे थे लेकिन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, क्या आप टेप के सही होने की जिम्मेदारी लेते हैं? अगर आप नहीं ले रहे हैं तो मैं उसे चलाने की अनुमति नहीं दे सकती।

सदन में भाजपा के सांसदों की ओर से हंगामा करने पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर टेप से बीजेपी के लोग डरे हुए हैं तो वह सदन में टेप को नहीं बजाएंगे। इस पर अरुण जेटली ने कहा कि ऑडियो टेप फर्जी है इसीलिए आप इसकी पुष्टि नहीं कर सकते। अगर टेप सही है तो आप इसकी पुष्टि करिए। राहुल गांधी ने कहा कि मामले की जेपीसी जांच होनी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल की जांच उनके दायरे में नहीं है। राहुल ने कहा कि आज पूरा देश नरेंद्र मोदी पर उंगुली उठा रहा है।

बता दें कि कांग्रेस ने बुधवार को एक ऑडियो टेप जारी किया। कांग्रेस का दावा है कुछ ही दिन पहले गोवा कैबिनेट की बैठक में मनोहर पर्रिकर ने राफेल फाइलों से जुड़ा एक बड़ा बयान दिया। मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि कोई उनका कुछ नहीं कर सकता, सारी फाइलें उनके पास हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को ट्विटर के माध्यम से यह ऑडियो जारी किया। उनका दावा है कि ऑडियो में एक आवाज गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की है जो किसी से पिछले सप्ताह हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बारे में बात कर रहे हैं।

'पीएम ने अपने दोस्त अनिल अंबानी को यह डील दे दी'

भारी हंगामे के बीच राफेल मुद्दे पर कांग्रेस राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस जाकर वहां के राष्ट्रपति से मिलकर राफेल सौदा बदल दिया। लेकिन अभी तक एक भी राफेल विमान क्यों नहीं आया?  राहुल गांधी ने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री ने सबके सामने बोला कि राफेल की फाइलें मेरे पास पड़ी हुई हैं। इसेक अलावा प्रधानमंत्री की ओर से भी राफेल की फाइलिंग में दखल दिया गया है, यह बात रक्षा मंत्रालय की ओर से कही गई है। उन्होंने कहा कि अगर पुराने करार के मुताबिक राफेल डील होती तो HAL में हवाई जहाज बनते और लाखों युवाओं को रोजगार मिलता लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने दोस्त अनिल अंबानी को यह डील दे दी।

'पीएम ने बुनियादी मुद्दों के जवाब क्यों नहीं दिया'

राहुल गांधी ने कहा, “मैंने कल प्रधानमंत्री का इंटरव्यू देखा जिसमें वह कह रहे थे कि राफेल पर उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जा रहा है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि पूरा देश राफेल को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहा है। विपक्ष का नेता होने के नाते मैं खुद उनसे सवाल पूछ रहा हूं। उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने खुद कहा था कि मुझे इस डील के बारे में कोई आइडिया नहीं है। मेरा सवाल है कि क्या बिना वायुसेना से बात किए राफेल का सौदा बदला गया?” राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल के इंटरव्यू में डेढ़ घंटे विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी, लेकिन देश जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी मुद्दों के जवाब क्यों नहीं दिया।

ऑडियो टेप फर्जी है, राहुल ने बोला झूठ: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी ने हमें एक बार फिर निराश किया है क्योंकि हमें इनसे उम्मीद थी कि ये कुछ पुख्ता बातें सदन में रखेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुख्य वक्ता ने सब कुछ झूठ बोला है, पिछले छह माह से इस मामले में बोला गया हर शब्द फर्जी और झूठा है। जेटली ने कहा कि ऑडियो टेप फर्जी है और इसकी जांच हो रही है।

अरुण जेटली ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि सबसे पुराने पार्टी के नेता को राफेल जेट विमान के बारे में कुछ पता ही नहीं है। देश के कुछ परिवारों को पैसे का गणित समझ आता है उनका देश की सुरक्षा के कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने कहा कि कई रक्षा सौदों के साजिशकर्ता आज हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। जेटली ने कहा कि राफेल विमान देश की जरूरत है ताकि सेना को मजबूती मिल सके।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद JPC की जरूरत नहीं: जेटली

अरुण जेटली ने कहा कि ये नीति से जुड़ा मसला नहीं है डील की निष्पक्षता का मामला था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी जांच का मतलब रह ही नहीं जाता है। नीति के सवाल पर जेपीसी का गठन होता है लेकिन जांच के मामले में जेपीसी की जरूरत नहीं है। संसद में बोफोर्स की जांच के लिए जेपीसी बनी थी अब साबित हो गया है कि बोफोर्स में भ्रष्टाचार हुआ है। लेकिन जेपीसी ने बोफोर्स में कांग्रेस को क्लीन चिट दे दी थी।

 

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