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पीएम मोदी ने अभिभाषण में गांधी परिवार पर किया तीखा हमला

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के...
पीएम मोदी ने अभिभाषण में गांधी परिवार पर किया तीखा हमला

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के जवाब में लोकसभा में सरकार की योजनाओं पर फोकस करने के बजाय गांधी परिवार पर हमला बोला और आज 25 जून को आपातकाल की चर्ता करते हुए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं के बजाय सिर्फ गांधी परिवार के सदस्यों का हमेशा महिमामंडन किया।

आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने संविधान की आत्मा कुचली

मोदी ने कहा कि सोमवार को कांग्रेस नेता गिना रहे थे कि किसने क्या किया। आज 25 जून है। बताओ, देश में आपातकाल किसने लगाया, जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। देश की मीडिया को दबोच दिया गया। हिन्दुस्तान को जेलखाना बना दिया गया, सिर्फ इसलिए कि किसी की सत्ता न चली जाए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का अनादर कैसे होता है, वह उसका जीता-जागता उदाहरण है। आज हम 25 जून को लोकतंत्र के प्रति अपना समर्पण एक बार फिर दोहराते हैं। संविधान को कुचलने का पाप कोई भूल नहीं सकता, यह दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार याद करना चाहिए ताकि फिर से कोई ऐसा पैदा न हो जो इस रास्ते पर जाए। लोकतंत्र के प्रति आस्था का महत्व समझाने के लिए इसे याद करने की जरूरत है किसी को भला-बुरा कहने के लिए नहीं।

आज इमरजेंसी नहीं जो भ्रष्टाचार में तुरंत जेल भेज दें

पीएम ने भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए भी कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि आज इमरजेंसी नहीं है। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होगी लेकिन कानूनी व्यवस्था के तहत कड़े कदम उठाए जाएंगे। कानून के मुताबिक जमानत पर रिहा लोग स्वतंत्र रह सकते हैं। हम आपातकाल की तरह उन्हें जेल नहीं भेजेंगे।

कांग्रेस ने बड़े नेताओं का कभी आदर नहीं किया

मोदी ने कहा कि 2004 के बाद कांग्रेस ने कभी अटल बिहारी वाजपेयी और पी. वी. नरसिंहा राव जैसे बड़े नेताओं का जिक्र नहीं किया। उन्हें कभी आदर नहीं दिया। कांग्रेस ने ताजा भाषण में मनमोहन सिंह सरकार तक का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि मैं पहला पीएम हूं जिसने लाल किले से कहा कि आजादी से लेकर अब केंद्र और राज्य की जितनी सरकारें थी, देश को आगे ले जाने में सबका योगदान है। उन्होंने कहा कि गुजरात के गोल्डन जुबली ईयर में राज्यपाल के भाषणों का संकलन का काम किया था, वह सरकारें हमारे दल की नहीं थीं, फिर भी हमने ऐसा काम किया। राज्यपाल के भाषणों का संकलन आज भी उपलब्ध है, पहले के कामों को हम गिनते नहीं, यह कहना पूरी तरह गलत है।

हम किसी के योगदान को नकारते नहीं

पीएम ने कहा कि देश को लगता था कि कांग्रेस के कार्यकाल में नरसिम्हा राव को फिर मनमोहन सिंह को भारत रत्न मिलता, लेकिन परिवार से बाहर के लोगों को उनके कार्यकाल में कुछ नहीं मिल सकता। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को हमने भारत रत्न दिया। हम किसी भी योगदान को नहीं नकारते। सवा सौ करोड़ देशवासियों में सब कोई आते हैं और उन्हीं की वजह से देश आगे बढ़ा है।

भारत को अवसर नहीं खोना चाहिए

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सशक्त, सुरक्षित राष्ट्र का सपना हमारे देश के अनेकों महापुरुषों ने देखा है और उसे पूरा करने के लिए अधिक गति के साथ हम सबको मिलकर आगे बढ़ना है। आज के वैश्विक वातावरण में भारत को यह अवसर खोना नहीं चाहिए। देश की आकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली हर चुनौती को हम पार कर सकते हैं। इस चर्चा में करीब 60 सांसदों ने हिस्सा लिया, जो पहली बार आए हैं। उन्होंने अच्छे ढंग से अपनी बात रखी और चर्चा को सार्थक बनाने का काम किया। अनुभवी लोगों ने अपनी तरह से चर्चा को आगे बढ़ाया।

जल संकट दूर करने को मिलकर करें काम

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के भाषणों में बाबा साहब के नाम का जिक्र होता तो अच्छा होता लेकिन क्या करें एक ऊंचाई पर जाने के बाद दिखता नहीं जबकि पानी और बांधों के लिए बाबा साहब का काम सर्वोपरि है। सरदार सरोबर बांध की नींव पंडित नेहरू ने रखी थी लेकिन दशकों तक मंजूरी नहीं मिली। उस समय जो 6 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट था वह पूरा होते-होते 60 हजार करोड़ तक पहुंच गया। मुख्यमंत्री रहते इसे पूरा कराने के लिए मुझे अनशन पर बैठना पड़ा था, आज इससे 4 करोड़ लोगों को पानी मिल रहा है। पानी की तकलीफ राजस्थान और गुजरात के लोग जानते हैं और इसी वजह से हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। जल संचय पर हमें बल देना पड़ेगा न हीं तो जल संकट बढ़ता चला जाएगा। पानी का संकट गरीब और महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत देता है।

देश ने कसौटी पर कसने के बाद मजबूत जनादेश दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई दशकों बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है। मतदाता अपने से ज्यादा अपने देश के लिए फैसले करता है, यह बात इस चुनाव में नजर आई है। देश के मतदाता अभिनंदन के अधिकारी हैं। 2014 में हम पूरी तरह नए थे, देश के लिए अपरिचित थे लेकिन उस हालात से बाहर निकलने के लिए देश ने एक प्रयोग के रूप में हमें मौका दिया लेकिन 2019 का जनादेश पूरी तरह का कसौटी पर कसने के बाद, हर तराजू पर तौले जाने के बाद, जांच-परखने के बाद मिला है।

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