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30 दिन 157 प्रोजक्ट, मोदी का आचार संहिता लागू होने से पहले था ये गेम प्लान

आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ उद्घाटन और कई प्रोजेक्ट का...
30 दिन 157 प्रोजक्ट, मोदी का आचार संहिता लागू होने से पहले था ये गेम प्लान

आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ उद्घाटन और कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर एक नया पैमाना बना दिया है। उन्होंने केवल 30 दिनों में देशभर में 28 यात्राएं कर 157 प्रोजेक्ट लॉन्च किए। प्रधानमंत्री मोदी की यह रणनीति चुनावों में कितना फायदा पहुंचाएगी, यह तो समय ही बताएगा। उद्घाटन और शिलान्यास के माहौल में उन्होंने कई पुराने प्रोजेक्ट को नया कलेवर देकर अपना नाम उसके साथ जोड़ने की भी कोशिश की है। मोदी ने 10 मार्च को आचार संहिता लागू होने के 30 दिन पहले से लेकर इस वक्त तक रेलवे लाइन, हाईवे मेडिकल कॉलेज, स्कूल, अस्पताल, गैस पाइपलाइन, एयरपोर्ट, सीवेज कनेक्शन, पॉवर प्लांट के अलावा और भी कई चीजों का उद्घाटन किया।

पुराने प्रोजेक्ट, नया कलेवर

प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट के मुताबिक, 8 जनवरी से 7 फरवरी के बीच पीएम मोदी ने 57 प्रोजेक्ट लॉन्च किए। यह आंकड़ा अगले एक महीने में बढ़कर लगभग तीन गुना हो गया। यही नहीं, कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें नया बनाकर पेश किया गया जबकि वे पुराने प्रोजेक्ट हैं। इसी महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री ने अमेठी में इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के जॉइंट वेंचर कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल प्रोजेक्ट प्लांट का उद्घाटन किया। लेकिन एक सरकारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, इसका उद्घाटन 2007 में ही हो गया था। कार्बाइन और मशीन गन का निर्माण भी 2010 के आखिर में शुरू हो चुका था। ऐसे ही बिहार के कर्मलीचक में प्रधानमंत्री ने 17 फरवरी को सीवेज नेटवर्क की आधारशिला रखी। हालांकि इसी प्रोजेक्ट के तहत कर्मलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की नींव वह अक्टूबर, 2017 में रख चुके थे।

हर उद्घाटन के लिए पीएम जरूरी नहीं

इनमें से करीब 140 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनके लिए लगता नहीं कि प्रधानमंत्री स्तर के व्यक्ति की जरूरत थी। जैसे- चेन्नई मेट्रो के एक सेक्शन का उद्घाटन, कर्नाटक में एक रेलवे लाइन का दोहरीकरण करना, तमिलनाडु में विक्रवंदी से थंजौर के बीच नेशनल हाईवे-45C को चार लेन में तब्दील करना आदि। उन्होंने पिछले महीने कम से कम 17 प्रोजेक्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या रिमोट से लॉन्च किए। बिहार के बक्सर में पॉवर प्लांट का उद्घाटन उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनका उद्घाटन नगर निगम या नगर पालिका स्तर पर होता है।

उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान

पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सुरेश प्रभु ने 16 फरवरी से 9 मार्च के बीच कई सेक्टरों में कम से कम 80 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया या इसकी घोषणा की। उत्तर प्रदेश के लिए सबसे ज्यादा घोषणाएं की गईं। 80 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य के महत्व को देखते हुए यहां 102,708 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लॉन्च किए। दो महीनों में पीएम मोदी कई बार उत्तर प्रदेश गए। 15 फरवरी को झांसी में उन्होंने 20,506 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लॉन्च किए। 19 फरवरी को उन्होंने यहां 3,382 करोड़ रुपए की 47 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान-निधि योजना (पीएम किसान) की शुरुआत भी गोरखपुर से हुई। आचार संहिता लागू होने से ठीक एक दिन पहले 9 मार्च को भी वह गाजियाबाद और नोएडा में थे। इसके बाद बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट लॉन्च हुए।

अंतरिम बजट से शुरू हुई चुनाव साधने की तैयारी

देखा जाए तो इन उद्घाटन-शिलान्यास से पहले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसकी तैयारी अंतरिम बजट से ही शुरू हो गई थी। मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट में दो प्रमुख योजनाओं की घोषणा की- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना। इन दो योजनाओं से पीएम मोदी को काफी उम्मीदें हैं।

आइए, उनके द्वारा किए गए कुछ प्रमुख उद्घाटनों पर एक नजर डालते हैं। इनमें शिलान्यास शामिल नहीं हैं।

15 फरवरी

दिल्ली से वाराणसी के बीच देश की पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी।

16 फरवरी

महाराष्ट्र के धुले में 21 गांवों की 7,585 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई करने के लिए एक परियोजना। 2400 करोड़ रुपये की जलगांव-उधना दोहरीकरण और विद्युतीकरण रेल परियोजना। नई खंडेश एक्सप्रेस ट्रेन, जो भुसावल और बांद्रा के बीच चलेगी। आदिवासी छात्रों के लिए सहस्रकुंड एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल।

17 फरवरी

बिहार में रांची-पटना साप्ताहिक ट्रेन, चार रेलवे लाइन का विद्युतीकरण। पटना रिवर फ्रंट, जिसमें 16 घाट, एक श्मशान घाट, सैर-सपाटे के लिए 4.9 किमी का पथ, कल्चरल सेंटर, ऑडियो-वीडियो थियेटर और ईको सेंटर शामिल हैं। इसकी लागत 243.27 करोड़ रुपए है। साथ ही फूलपुर से पटना के बीच नेचुरल गैस पाइपलाइन, पटना सिटी गैस वितरण प्रोजेक्ट।

झारखंड के रामगढ़ और हजारीबाग जिलों में चार ग्रामीण जल सप्लाई योजनाएं। झारखंड में साहिबगंज सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, मधुसूदन घाट। हजारीबाग, दुमका और पलामू में तीन मेडिकल कॉलेज और महिलाओं के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज।

19 फरवरी

वाराणसी में डीजल से इलेक्ट्रिक में तब्दील किए गए लोकोमोटिव का उद्घाटन।

24 फरवरी

गोरखपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान-निधि योजना (पीएम-किसान) योजना की लॉन्चिंग।

1 मार्च

तमिलनाडु में मदुरै और चेन्नई के बीच तेजस एक्सप्रेस।

3 मार्च

रशियन फर्म के साथ जॉइंट वेंचर में एके-203 (कलाश्निकोव) राइफल्स की अमेठी की फैक्ट्री में शुरुआत।

4 मार्च

गुजरात में अहमदाबाद के पहले फेज की मेट्रो सेवा। अहमदाबाद में सार्वजनिक अस्पताल (1200 बेड), कैंसर अस्पताल, डेंटल अस्पताल।

5 मार्च

असंगठित क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना की शुरुआत। अहमदाबाद में वन नेशन, वन कार्ड फॉर ट्रांसपोर्ट मोबिलिटी सुविधा का उद्घाटन।

6 मार्च

तमिलनाडु के कांचीपुरम में 5 एलएनजी टर्मिनल। बेंगलुरु में एसिक (ESIC) अस्पताल और मेडिकल कॉलेज, हुबली के किम्स अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक, बेंगलुरू यूनिवर्सिटी में नॉर्थ-ईस्ट की छात्राओं के लिए महिला हॉस्टल।

8 मार्च

उत्तर प्रदेश के कानपुर में पनकी पॉवर प्लांट और 660 मेगावॉट बिजली उत्पादन के लिए यूनिट। गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस में नए पैसेंजर टर्मिनल और लखनऊ मेट्रो रेल प्रोजेक्ट।

9 मार्च

नोएडा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आर्कियोलॉजी इंस्टीट्यूट। नोएडा सिटी सेंटर- नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी सेक्शन का उद्घाटन।

कैबिनेट ने दी कई प्रोजेक्ट्स को मंजूरी

19 फरवरी को कैबिनेट ने अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 (5384 करोड़ रुपए) को मंजूरी दी। साथ ही रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल कॉरीडोर को मंजूरी दी गई। 28 फरवरी को आगरा मेट्रो (8379.62 करोड़) और कानपुर मेट्रो (11076.48 करोड़) रेल प्रोजेक्ट को कैबिनेट की तरफ से हरी झंडी मिली। 7 मार्च को दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत 17 अंडरग्राउंड स्टेशन और 29 एलीवेटेड स्टेशन के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। इसकी लागत 24948 करोड़ रुपए है।

मंत्रियों ने भी किए उद्घाटन

पीएम मोदी के अलावा उनकी कैबिनेट के कई मंत्री भी उद्घाटन में पीछे नहीं रहे। 28 फरवरी को उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलुरू, कालीकट और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट में पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज (पीबीबी) और एडवांस विजुअल डॉकिंग गाइडेंस सिस्टम का उद्घाटन किया।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 25 फरवरी को रेल दृष्टि डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया। 27 फरवरी को उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिल्ली हेडक्वार्टर में 12,000 स्क्वायर फीट के नेटवर्क ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया। इसी दिन उन्होंने IRCTC वेबसाइट पर ट्रेन चार्ट और सीटों की उपलब्धता देखने के लिए नई सुविधा शुरू की। 3 मार्च को सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में धौला कुंआ जंक्शन पर लगभग 270 करोड़ की लागत से बने चार लेन के फ्लाईओवर का उद्घाटन किया।

पहले भी होता रहा है ऐसा लेकिन...

प्रधानमंत्री मोदी ने 17 फरवरी को बिहार में कहा, ‘’एनडीए सरकार में विकास का विजन दो समानांतर लाइन पर चलता है। एक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास और दूसरा समाज के उस वर्ग का उत्थान जिसे 70 सालों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिलीं।‘’

कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद खान कहते हैं, ‘‘2014 में जनता के जनादेश पर खरा न उतरने के बाद भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री मोदी ने पांच साल का काम 10 दिनों में करने की कोशिश की।‘’

हालांकि इससे पहले की सरकारें भी चुनावों से पहले नई योजनाओं और परियोजनाओं के जरिए मतदाताओं को ‘लुभाने’ का प्रयास करती रही हैं। जैसे- 2014 के चुनावों के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने भी खाद्य सुरक्षा विधेयक को आगे बढ़ाया था। ऐसा करना सामान्य हो सकता है लेकिन 2019 में इतनी बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट लॉन्च करना, यह सामान्य नहीं लगता। 2014 से तुलना करें तो आचार संहिता लागू होने से एक महीने पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक भी यात्रा नहीं की थी। पीएम मोदी का यूं थोक में प्रोजेक्ट लॉन्च करना क्या रंग दिखाता है, यह 23 मई को पता चल जाएगा।

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