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झारखंड मॉब लिंचिंग पर बोले पीएम मोदी- घटना से मुझे दु:ख हुआ लेकिन पूरे राज्य को अपमानित करना गलत

लोकसभा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव...
झारखंड मॉब लिंचिंग पर बोले पीएम मोदी- घटना से मुझे दु:ख हुआ लेकिन पूरे राज्य को अपमानित करना गलत

लोकसभा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा पर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधने के अलावा झारखंड मॉब लिंचिंग, ईवीएम, एक देश-एक चुनाव, बिहार मे बच्चों की मौत पर अपनी बात रखी। उन्होंने झारखंड मॉब लिंचिंग की घटना पर दु:ख जताते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद पर अप्रत्यक्ष रूप से वार किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘घटना से मुझे दु:ख पहुंचा है। दूसरों को भी दु:ख हुआ है। लेकिन कुछ लोग राज्य सभा में झारखंड को लिंचिंग का हब बता रहे हैं। क्या यह सही है? वो पूरे राज्य का अपमान क्यों कर रहे हैं? हमें झारखंड राज्य का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।‘ बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने झारखंड को लिंचिंग का हब बताया था।

बिहार में बच्चों की मौत को बताया दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक

इसके अलावा बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस से हुई बच्चों की मौत पर चुप्पी तोड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। हमें इसे गंभीरता से लेना है। मैं राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हूं। मुझे भरोसा है कि हम इस विपत्ति से जल्द ही बाहर आएंगे। समय की मांग है कि आयुष्मान भारत को मजबूत किया जाए। हम गरीबों को उच्च गुणवत्ता का सस्ता इलाज देना चाहते हैं।

'कांग्रेस ना तो जीत और ना ही हार पचा पा रही है'

इस दौरान उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मेरे मित्र ना तो जीत पचा पाए और ना ही हार पचा पा रहे हैं। यह एक लोकतंत्र के लिए स्वस्थ संकेत नहीं है। उन्होंने ईवीएम का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे कभी दो सांसद थे लेकिन हमने कभी बहाना नहीं बनाया। मोदी ने कहा कि मुझे ये सुनकर दु:ख हुआ जब कुछ नेताओं ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी चुनाव जीत गए लेकिन देश और लोकतंत्र हार गया। इस तरह के बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमें मतदाताओं के फैसले पर सवाल क्यों उठाना चाहिए?

उन्होंने कहा कि यह कहना कि किसानों ने 2000 रुपयों में खुद को बेच दिया यह किसानों का अपमान है। मैं चकित हूं। यहां तक कि मीडिया को भी गाली दी गई। कहा गया कि मीडिया की वजह से चुनाव जीता गया। इन लोगों का क्या मतलब है? कि मीडिया बिकाऊ है? क्या यही लॉजिक तमिलनाडु और केरल में भी लागू होता है?

'ईवीएम को लेकर दो ही पार्टियां चुनाव आयोग गईं'

ईवीएम के मुद्दे पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग इस सदन में ईवीएम का मुद्दा उठाते रहे। एक वक्त था जब हमारे सिर्फ दो सांसद थे। लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया। लेकिन हमने कड़ी मेहनत जारी रखी और लोगों का विश्वास जीता। हमने बहाने नहीं बनाए और ना ही पोलिंग बूथ पर दोष डाला। उन्होंने कहा कि हमें प्रशंसा करनी चाहिए कि कैसे चुनावी प्रक्रिया बीते कई सालों में बेहतर हुई है। 1950 के दशक में चुनावी प्रक्रिया में लंबा समय लगता था। हिंसा और बूथ कैप्चरिंग कुछ जगहों पर सामान्य बात थी। आज वोटर टर्नआउट बढ़ने की खबरें आती हैं। यह अच्छा संकेत है।

'एक देश-एक चुनाव पर अपने विचार रखना जरूरी'

चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर पार्टियों को बुलाया था लेकिन सिर्फ दो पार्टियां गईं। सीपीआई और एनसीपी। मैं उनकी तारीफ करता हूं कि वे चुनाव आयोग के पास गए और मुद्दे के बारे में और समझा। लेकिन ईवीएम पर सवाल उठाने वाली बाकी पार्टियां क्यों नहीं गईं, उन्हें जवाब देना चाहिए। यही हाल तब होता है जब एक देश-एक चुनाव को लेकर चर्चा होती है। हां, कुछ लोगों को विचार नहीं पसंद होगा या मतभिन्नता होगी। लेकिन इन विचारों को सामने रखना और उन पर चर्चा करना जरूरी है।

अहंकार की सीमा होती है

उन्होंने कहा कि चुनाव में देश हार गया, लोकतंत्र हार गया तो क्या वायनाड और रायबरेली में हिन्दुस्तान हार गया, क्या अमेठी में हिन्दुस्तान हार गया? कांग्रेस हारी तो देश हार गया ये कौन का तर्क है। कांग्रेस का मतलब देश नहीं, अहंकार की एक सीमा होती है। उन्होंने कहा कि 60 साल तक देश में सरकार चलाने वाला दल 17 राज्यों में एक सीट नहीं जीत पाया क्या हम आसानी से कह देंगे कि देश हार गया। इस तरह के बयान से हमने देश के मतदाताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया, वोटरों का ऐसा अपमान इस तरह की पीड़ा देता है।

देश हार गया यह कहना लोकतंत्र का अपमान

पीएम मोदी ने कहा कि करीब 50 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया और सभी ने अपने तरीके से अपनी बात बताई है। कहीं खट्टापन था तो कहीं आक्रोश भी था, हर प्रकार के भाव यहां प्रकट हुए, कुछ अच्छे सुझाव मिले। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें मैदान में जाने का मौका नहीं मिला, उससे गुस्सा भी यहां देखा गया। पीएम मोदी ने कहा कि कई दशकों बाद देश में फिर से एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी है और यह चुनाव कई मायनों में खास था। देश के मतदाताओं ने स्थिरता को बल दिया है। इस बार देश की जनता दलों से परे लड़ रही थी।

उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में जाकर जनता के दर्शन करने का मौका मुझे मिला है और भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। चुनाव की ग्लोबल वेल्यू होती है और उस समय अपनी सोच की मर्यादाओं के कारण, विचारों की विकृति के कारण यह कहना कि आप चुनाव जीत गए देश चुनाव हार गया, यह कहना लोकतंत्र और जनता का अपमान है।

मदनलाल सैनी को दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने राज्यसभा के दिवंगत सांसद और राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पहली बार प्रचंड जनादेश के बाद सदन में बोलने का मौका मिला है। इस बार पहले से ज्यादा जनसमर्थन और विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है और इसके लिए सभी का आभार प्रकट करता हूं। पीएम मोदी ने कहा दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही हमारे सदन के सदस्य मदनलाल जी हमारे बीच नहीं रहे, उनके प्रति मेरी श्रद्धांजलि। अरुण जी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं उनका भी सदन को इंतजार है। नेता के रूप में थावरचंद गहलोत का अभिनंदन करता हूं।

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