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पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय की 'बड़ो मां' से मिले पीएम मोदी, क्या है इसका महत्व

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की ‘बड़ो मां’ से मिले।...
पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय की 'बड़ो मां' से मिले पीएम मोदी, क्या है इसका महत्व

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की ‘बड़ो मां’ से मिले। राजनीतिक रूप से मतुआ समुदाय पश्चिम बंगाल की राजनीति में महत्व रखता है। इससे पहले पिछले साल नवंबर में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बड़ो मां से मिली थीं। पश्चिम बंगाल की राजनीति में इस समुदाय का काफी महत्व है।

मतुआ समुदाय के बारे में

मतुआ समुदाय की स्थापना हरीशचंद्र ठाकुर और गुरुचंद्र ठाकुर ने की थी। असल में यह समुदाया बांग्लादेश से आए दलित हिंदू शरणार्थियों का है। इनकी संख्या करीब 30 लाख है, इसलिए राजनीति के लिहाज से इसका महत्व है। मतुआ महासंघ की अध्यक्ष वीणापाणि देवी ठाकुर हैं, जिन्हें समुदाय में ‘बड़ो मां’ के नाम से पुकारा जाता है। इस महासंघ की स्थापना हरीशचंद्र ठाकुर ने की थी, जिनका निधन हो चुका है। वीणापाणि देवी ठाकुर उनकी पत्नी हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बड़ो मां को बंग पुरस्कार देने की घोषणा कर चुकी है। साथ ही उन्होंने बड़ो मां के आवास ठाकुरबाड़ी का सौन्दर्यीकरण करने और समुदाय के संस्थापकों के नाम से विश्वविद्यालय की भी घोषणा की थी। 

क्यों है समुदाय का राजनीतिक महत्व

असल में मतुआ समुदाय पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों के बाद दूसरा सबसे अधिक राजनीतिक प्रभाव वाला समुदाय है। उत्तर 24 परगना, नदिया और अन्य जिलों में पड़ने वाले लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जीत-हार में समुदाय की निर्णायक भूमिका होती है। पहले यह समुदाय वाम मोर्चा के घटक दल फॉरवर्ड ब्लॉक और माकपा के साथ था। पहली बार यह समुदाय बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में 2011 में ममता बनर्जी के समर्थन में आया और 2016 में भी तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया। अब भाजपा इस समुदाय के वोट बैंक को लुभाने की कोशिश कर रही है। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ठाकुरनगर में हुई पीएम मोदी की रैली अप्रत्यक्ष रूप से मतुआ समुदाय ने ही आयोजित की थी।

रैली में क्या बोले पीएम मोदी

ठाकुरनगर की रैली में प्रधानमंत्री ने भीड़ का हवाला देते हुए कहा कि अब समझ में आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई हैं।

उन्होंने कहा, ‘’ये हमारे देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांव की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना दिया जाना चाहिए था और यहां पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी अधिक खराब है। आज की रैली का दृश्य देखकर मुझे समझ आ गया है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई हैं। हमारे प्रति बंगाल की जनता के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वालें लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं।‘’

भाजपा की गणतंत्र बचाओ यात्रा

गणतंत्र बचाओ यात्रा के तहत भाजपा अगले आठ दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 10 रैलियां करेगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा पार्टी के दूसरे शीर्ष नेता भी शिरकत करेंगे।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि एक ही दिन मोदी व राजनाथ सिंह की चार-चार रैलियों से साफ है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस बार बंगाल को कितनी अहमियत दे रहा है।

भाजपा-टीएमसी में टकराव

बीते काफी समय से बंगाल में हिंसा की खबरें आ रही हैं। भाजपा लगातार टीएमसी पर आरोप लगा रही है। भाजपा का कहना है कि उनके कई कार्यकर्ताओं की हत्या टीएमसी ने करवाई है। पिछले दिनों अमित शाह की रैली के दौरान बस में तोड़-फोड़ हुई थी, जिसे लेकर भाजपा-टीएमसी ने आरोप-प्रत्यारोप हुआ था। अमित शाह की यात्रा को लेकर भी दोनों में नोक-झोंक हुई। ऐसे में भाजपा पश्चिम बंगाल पर काफी ध्यान दे रही है।

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