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अयोध्या फैसले के बाद पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन, कहा- यह कटुता त्यागने का दिन

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित...
अयोध्या फैसले के बाद पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन, कहा- यह कटुता त्यागने का दिन

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला नया सवेरा लेकर आया है। कोर्ट ने ऐसे मामले पर निर्णय सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का दीर्घकालीन इतिहास है। उन्होंने कहा कि लोगों ने जिस तरह सौहार्द का परिचय दिया, वह काबिले तारीफ है। आज कटुता को तिलांजलि देने का दिन है। साथ ही उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा- पूरे देश की इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज सुनवाई हो, जो कि हुई। आज निर्णय आ चुका है। दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया का समापन हुआ है। पूरी दुनिया ये तो मानती ही है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आज दुनिया ने यह भी जान लिया कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है। फैसला आने के बाद जिस तरह हर वर्ग, समुदाय, हर पंथ के लोगों ने सौहार्द का परिचय दिया।

‘न्यायपालिका के लिए आज का दिन स्वर्णिम अध्याय’

पीएम मोदी ने कहा कि भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। इस पर हमें गर्व होता है। सवा सौ करोड़ देशवासी एक नया इतिहास रच रहे हैं। एक नया स्वर्णिम पन्ना जोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के लिए आज का दिन स्वर्णिम अध्याय की तरह है। सुप्रीम कोर्ट ने सबको धैर्य से सुना। फैसला सर्वसम्मति से आया। एक नागरिक के नाते हम सब जानते हैं कि परिवार में भी छोटा मसला सुलझाना हो तो कितनी दिक्कत होती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढृ इच्छाशक्ति दिखाई है। वह अभिनंदन की अधिकारी है। 

करतारपुर कॉरिडोर और बर्लिन की दीवार का जिक्र

मोदी ने कहा कि आज 9 नवंबर है। आज ही बर्लिन की दीवार गिरी थी। दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था। आज 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत हुई है, जिसमें भारत-पाकिस्तान का सहयोग रहा। आज ही अयोध्या पर फैसला आया है। आज का दिन हमें आगे बढ़ने का संदेश दे रहा है। यह दिन जुड़ने का है और मिलकर जीने का है। इन सारी बातों को लेकर कहीं भी, कभी भी, किसी के मन में कोई कटुता रही हो, तो उसे तिलांजलि देने का दिन है। नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

‘भारत के संविधान पर विश्वास महत्वपूर्ण’

मोदी ने कहा कि फैसले ने संदेश दिया है कि कठिन से कठिन मसले का हल संविधान के दायरे में ही आता है। हमें इससे सीख लेनी चाहिए कि भले ही कुछ समय लगे फिर भी धैर्य बनाकर रखना ही उचित है। हर स्थिति में भारत के संविधान, न्यायिक प्रणाली और हमारी परंपरा पर हमारा विश्वास अडिग रहे, यह महत्वपूर्ण है।

‘आइए एक नई शुरुआत करते हैं’

उन्होंने कहा कि यह फैसला एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो लेकिन अब हमें संकल्प लेना होगा कि नई पीढ़ी नए संकल्प के साथ नए इंडिया के निर्माण में आगे बढ़े। आइए एक नई शुरुआत करते हैं। नए भारत का निर्माण करते हैं।

‘हमारे पास और भी चुनौतियां और लक्ष्य’

मोदी ने कहा कि हमें सबको साथ लेकर, सबका विकास, सबका विश्वास लेते हुए आगे बढ़ते जाना है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, हमारा सद्भाव, हमारा स्नेह देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हमें भविष्य के भारत के लिए काम करते रहना है। चुनौतियां, लक्ष्य, मंजिल और भी हैं। भारतवासी साथ चलकर ही इन लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। आज 9 नवंबर के इस दिन पर आगे बढ़ने का संकल्प लेते हुए आने वाले त्यौहारों की बधाई देता हूं। ईद का पवित्र त्यौहार है, उसकी बधाई।

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