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मनोहर लाल खट्टर ने ली हरियाणा के सीएम पद की शपथ, दुष्यंत चौटाला बने डिप्टी सीएम

आज दिवाली के दिन हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ गठबंधन के सहयोगी...
मनोहर लाल खट्टर ने ली हरियाणा के सीएम पद की शपथ, दुष्यंत चौटाला बने डिप्टी सीएम

आज दिवाली के दिन हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ गठबंधन के सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दुष्यंत चौटाला ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

इससे पहले शनिवार को चंडीगढ़ स्थित गेस्ट हाउस में हुई बैठक में खट्टर को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद खट्टर और दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। हरियाणा के 53 साल के इतिहास में खट्टर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं।

कांग्रेस के बंसीलाल और हुड्डा ही लगातार दो बार सरकार बना पाए

हरियाणा में 1966 में पहली विधानसभा का गठन हुआ था। 1968 में कांग्रेस के बंसीलाल लगातार दो बार (1968-75) सत्ता में रहे। इसके बाद भूपिंदर सिंह हुड्डा 2004-09 और 2009-14 तक मुख्यमंत्री रहे।

दोनों पार्टियों ने मिलकर राज्य में सरकार बनाने का फैसला किया: शाह

इससे पहले शुक्रवार रात भाजपा और जजपा की साझा प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि दोनों पार्टियों ने मिलकर राज्य में सरकार बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भाजपा के होंगे जबकि उपमुख्यमंत्री जजपा के होंगे। कई निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया है। हरियाणा की जनता ने जो जनादेश दिया है, उसकी भावनाओं को देखकर यह फैसला लिया है।

प्रदेश हित के लिए स्थाई सरकार बनाना आवश्यक: चौटाला

जजपा के दुष्यंत चौटाला ने कहा था- सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियों का साथ आना जरूरी था। प्रदेश के हित के लिए स्थायी सरकार बनाना आवश्यक था। चौधरी देवीलाल के समय से हम दोनों एक साथ मिलकर चले हैं। पार्टी के कई नेताओं ने इस गठबंधन पर सहमति व्यक्त की थी। प्रदेश को आगे ले जाने के लिए मिलकर साथ चलना होगा।

हमने राज्य हित में चुनाव लड़ा: चौटाला

इससे पहले जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा था- पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैंने यह और पार्टी पदाधिकारियों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि हमारी कुछ मांगों को जो समर्थन देगा, हम उसके साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं।हमने किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि राज्य के हित में चुनाव लड़ा। हमारे नेताओं ने भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गजों को हराया है। हमारी पार्टी जजपा को जो 15% वोट मिले, वह जनता का आशीर्वाद है।

चौटाला ने कहा था- हमारे सहयोग से अगर भाजपा या कांग्रेस किसी की भी सरकार बनती है, तो यह राज्य के हित में ही होगा। हमने प्रदेश में जिन विषयों को लेकर चुनाव लड़ा, वही हमारे प्रमुख मुद्दे हैं। सरकार बनाने वाली पार्टी को हमारा सम्मान भी करना होगा। हमारे कई साथियों ने यह पक्ष भी रखा है कि भाजपा के साथ मिलकर मजबूत सरकार बनाई जाए। हम हरियाणा को आगे ले जाने और युवाओं को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक हैं।

किसको कितनी सीटें

24 अक्टूबर को आए नतीजों में भाजपा को 40 सीटें, जेजेपी को 10, कांग्रेस को 31, निर्दलीय को 7 और आईएनएलडी को एक सीट मिली। यहां बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए थीं, जिससे भाजपा 6 सीट दूर थी। अंत में सस्पेंस के बाद किंगमेकर बनकर उभरे जेजेपी के दुष्यंत चौटाला भाजपा के पाले में गए।

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