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कर्नाटक: बागी विधायकों पर स्पीकर कुछ भी फैसला करें, संकट में रहेगी कुमारस्वामी सरकार

कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार गुरुवार को फ्लोर टेस्ट में संकट में पड़ सकती है। बागी विधायकों के...
कर्नाटक: बागी विधायकों पर स्पीकर कुछ भी फैसला करें, संकट में रहेगी कुमारस्वामी सरकार

कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार गुरुवार को फ्लोर टेस्ट में संकट में पड़ सकती है। बागी विधायकों के इस्तीफों के बारे में विधानसभा स्पीकर के. आर. रमेश कुमार कोई भी फैसला करें लेकिन सरकार पर संकट कम होने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि स्पीकर को इस बात के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है कि वे बागी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दें। कोर्ट का कहना है कि स्पीकर संविधान की व्यवस्था के अनुसार इस्तीफों पर फैसला लेने को स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को यह राहत दी है कि उन्हें विश्वास मत के पक्ष में मतदान के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। इसलिए वे अपनी पार्टियों की व्हिप मानने को बाध्य नहीं होंगे।

गुरुवार को कैसा होगा कर्नाटक का सदन

ऐसे में बागी विधायकों के बारे में स्पीकर के फैसले से जो भी स्थितियां बनेंगी, उनमें से किसी भी स्थिति में सरकार को राहत मिलती नहीं दिख रही है। हर स्थिति में सरकार के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। स्पीकर के अनुसार गुरुवार को सदन में क्या स्थितियां बन सकती हैं और उनके अनुसार सरकार के पक्ष और विपक्ष में संख्या बल कैसा होगा और सरकार की चुनौती कितनी कड़ी होगी, इसकी बानगी इस प्रकार होगी।

त्याग पत्र मंजूर हुए तो

कर्नाटक में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है। बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन जरूरी है. कांग्रेस (78), जेडीएस (37) और बसपा (1) की मदद से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी 116 विधायक हैं। लेकिन 16 विधायक बागी होकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। अगर स्पीकर बुधवार को इन बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। जबकि सरकार के पास फ‌िलवक्‍त 100 का आंकड़ा है। दूसरी ओर, भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। इस तरह उसके विधायकों की संख्या 107 होगी।

अगर बागी विधायक अयोग्य करार हुए 

यदि स्पीकर बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में गुरुवार को विश्वास मत के दौरान सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जुटाना होगा। यह आंकड़ा उसके पास नहीं होगा। अयोग्य ठहराए जाने पर भी सरकार संख्या बल में कमजोर पड़ जाएगी।

अगर बागियों ने सरकार के खिलाफ मतदान किया

यदि 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं होते हैं और वे फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ेंगे। जबकि 223 सदस्यों के सदन में बहुमत के लिए 112 विधायकों की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति में भी सरकार कमजोर पड़ जाएगी। सरकार के खिलाफ वोट करने पर बागियों की सदस्यता खुद ब खुद खत्म हो जाएगी।

अगर सदन से बागी अनुपस्थित रहे

इस स्थिति में विश्वास मत के समय सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी। सरकार को बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा। जबकि बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और ऐसे में भी सरकार के सामने कड़ी चुनौती होगी।

अगर कुमार स्वामी सरकार गिरी तो भाजपा बना सकती है सरकार

ऐसी स्थिति में भाजपा राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। 76 वर्षीय बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गिर गई तो हम तीन दिन में राज्य में भाजपा की सरकार बना लेंगे। हालांकि बागी विधायकों की सदस्यता जा सकती है। इस स्थिति में सदन की संख्या घटकर तब तक 207 ही रहेगी, जब तक उप चुनाव के जरिये नए विधायक न चुने जाएं।

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