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हॉर्स ट्रेडिंग: कांग्रेस को कार्रवाई से क्‍यों लगता है डर, अभी तक नहीं भेजी गई रिपोर्ट

हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कांग्रेस अपने विधायकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सख्‍त नहीं दिख रही है।...
हॉर्स ट्रेडिंग: कांग्रेस को कार्रवाई से क्‍यों लगता है डर, अभी तक नहीं भेजी गई रिपोर्ट

हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कांग्रेस अपने विधायकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सख्‍त नहीं दिख रही है। हेमन्‍त सरकार को गिराने की साजिश को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्‍यक्ष जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला पर उंगली उठी थी। भाजपा नेताओं से मुलाकात की वीडियो फुटेज के बाद यह स्‍पष्‍ट सा हो गया था कि दाल में काला है।

झामुमो ने इसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला करार दिया है। विवाद के तूल पकड़ने के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पूरे मामले पर प्रदेश अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव व विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से विस्‍तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने भी प्रदेश नेतृत्‍व से बात की। अगले सप्‍ताह उनका झारखण्‍ड दौरा संभावित है। वेणुगोपाल के निर्देश के आलोक में बुधवार को रामेश्‍वर उरांव व आलमगीर आलम ने इरफान अंसारी व उमाशंकर अकेला को रांची बुलाकर बात की। अन्‍य विधायकों से भी विमर्श किया। बातचीत में विधायकों ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के बहाने अपना असंतोष जाहिर किया।

वहीं विमर्श के बाद विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात को साजिश के बदले संयोग करार दिया। दूसरी तरफ खरीद-फरोख्‍त प्रकरण में दर्ज प्राथमिकी के आलोक में पुलिस दिल्‍ली जाकर एयरपोर्ट और होटल से सीसीटीवी फुटेज जुटा चुकी है। जिसमें आरोपी नेताओं की मुलाकात की बात जाहिर है। पुलिस अभी जुटाये गये साक्ष्‍य के आलोक में अनुसंधान आगे बढ़ा रही है। इधर शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव ने इतना भर कहा कि रिपोर्ट अभी नेतृत्‍व को भेजी नहीं गई है।

रामेश्‍वर उरांव के एक निहायत करीबी नेता ने कहा कि पार्टी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं है। पार्टी नहीं चाहती कि अपने नेताओं को कठघरे में खड़ा किया जाये। किसी स्‍तर पर असंतोष है तो उसे दूर कर लिया जाये। एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा कि कार्रवाई से पार्टी को नुकसान हो सकता है। वहीं पहले से असंतुष्‍ट चल रहे नेताओं में नाराजगी की आग भड़क सकती है। हॉर्स ट्रेडिंग मामले में हजारीबाग की एक बैठक के हवाले से सूचना निकली कि आठ विधायकों का इंतजाम हो गया है, चार का इंतजाम आप कर लें।

बहरहाल झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में शामिल हुए बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को डेढ़ साल में भी विधानसभा में पार्टी विधायक की मान्‍यता नहीं मिल सकी है। अपनी सरकार होने के बावजूद मान्‍यता न मिलने को लेकर दोनों में गहरा असंतोष है। संगठन में वे अपनी भूमिका निर्धारित नहीं करा पा रहे हैं। आलाकमान से मिलकर ये अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। पार्टी के एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा कि चुनौतियों का सामना कर रही कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुटी है। नहीं चाहती है कि किसी बात पर एक्‍शन से संगठन में कमजोरी आये। जब तक अपरिहार्य न हो कठोर फैसले से परहेज किया जाये।

उदाहरण देते हुए कहा कि ज्‍यादा दिन नहीं हुए इरफान अंसारी के पिता जी और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कई टर्म विधायक और सांसद रहे फुरकान अंसारी ने तो राहुल गांधी की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दिये थे। प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह पर तो वे लगातार आक्रामक रहे, पार्टी मंच से इतर मीडिया में अपनी बातें परोसते रहे। पार्टी ने उन्‍हें कारण बताओ नोटिस तो पकड़ाया मगर मियाद खत्‍म हो जाने के बाद भी जवाब नहीं देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कई टर्म सांसद रहे पार्टी के वरिष्‍ठ नेता सुबोध कांत सहाय ने भी कुछ उसी अंदाज में केंद्रीय नेतृत्‍व को नसीहत दी थी। कार्य शैली को लेकर आरपीएन सिंह के खिलाफ तीखे बोल बोले थे। मगर कार्रवाई तो दूर इन्‍हें नोटिस तक नहीं पकड़ाया गया। दरअसल फुरकान अलग झारखण्‍ड बनने के बाद प्रदेश से एकमात्र अल्‍पसंख्‍यक सांसद हुए और संताल के अल्‍पसंख्‍यकों में गहरी पकड़ है। प्रदेश में अल्‍पसंख्‍यकों की 14 प्रतिशत से अधिक आबादी है। पैतृक धरोहर के साथ इरफान अंसारी की भी इलाके में अपनी पकड़ है। अभी हज कमेटी के चेयरमैन भी हैं। तो सुबोध कांत सहाय की अभी भी जनता में गहरी पैठ है। ऐसे में पार्टी ने इनके खिलाफ कोई कठोर कदम उठाने से परहेज किया।

इन्‍हीं परिस्थितियों को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस हॉर्स ट्रेडिंग मामले में भी इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला के खिलाफ कोई कठोर फैसला लेने से परहेज करेगी। बल्कि पार्टी की कोशिश इनके बचाव की होगी। बता दें कि 22 जुलाई को कांग्रेस के बेरमो से विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने सरकार गिराने की साजिश और बाहर के कुछ लोगों के होटलों में कैंप किये जाने की सूचना के बाद रांची पुलिस ने रेड कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया। और उनसे महत्‍वपूर्ण इनपुट मिले जिसके आधार पर जांच चल रही है।

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