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दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ा, सीएम केजरीवाल का ऐलान- स्कूली बच्चों को बांटे जाएंगे 50 लाख मास्क

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खराब स्तर पर पहुंचने के बाद केजरीवाल सरकार स्कूली बच्चों को 50 लाख मास्क...
दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ा, सीएम केजरीवाल का ऐलान- स्कूली बच्चों को बांटे जाएंगे 50 लाख मास्क

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खराब स्तर पर पहुंचने के बाद केजरीवाल सरकार स्कूली बच्चों को 50 लाख मास्क बांटेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के बीच 50 लाख एन95 मास्क बांटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को दी जानेवाली किट में एन95 के दो मास्क होंगे। यह उच्च गुणवत्ता वाला मास्क है और इससे धुंध से निपटा जा सकेगा। इसकी शुरूआत शुक्रवार से होगी।

लगातार खराब हो रही एयर क्वालिटी 

सीएम केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण बढ़ने का कारण पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाना है। उन्होंने इन राज्य सरकारों से अनुरोध किया था कि वे इसे रोकने के लिए कदम उठाए। दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता (एयर क्वालिटी) में लगातार गिरावट आ रही है। मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 392 के स्तर तक पहुंच गया, जो बेहद खराब माना जाता है। प्रदूषण पर नजर रखने वाली एजेंसी सफर के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी क्षेत्र में पीएम 2.5 स्तर 393 और चांदनी चौक में 598 स्तर तक पहुंचा। यह बहुत खराब स्थिति मानी जाती है।

लोधी रोड क्षेत्र में पीएम 2.5 का स्तर 500 और पीएम 10 का स्तर 379 रिकॉर्ड हुआ। आनंद विहार में एक्यूआई 463, आईटीओ में 410, अशोक विहार में 454 स्तर तक पहुंच गया। वहीं, नोएडा में पीएम 2.5 स्तर 519 से भी ऊपर चला गया था, जो कि गंभीर स्थिति है।

क्या हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक

एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच ‘बेहतर’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। वहीं, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली स्कूल हेल्थ स्कीम के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज डॉक्टर अनूपनाथ के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। प्रदूषण का जो स्तर है, इसमें ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इंफेक्शन, ब्रॉनकाइटिस की बीमारी बढ़ जाती है। आंख की जलन स्मॉग के कारण बढ़ती है।

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