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वंदेमातरम विवाद पर बोली मायावती, सस्ती राजनीति करती है BJP

केंद्र की बीजेपी सरकार पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो...
वंदेमातरम विवाद पर बोली मायावती, सस्ती राजनीति करती है BJP

केंद्र की बीजेपी सरकार पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत सहित मातृभूमि का पूरा-पूरा आदर-सम्मान करती है तथा देशहित को पहली प्राथमिकता देती है।

मेरठ नगर निगम चुनाव के बाद बसपा की मेयर सुनीता वर्मा एवं अन्य के शपथ-ग्रहण समारोह को राजनीति का अखाड़ा बनाने की कोशिश करने पर बीजेपी की तीखी आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि शपथ-ग्रहण समारोह के कार्यक्रम को सरकारी अधिकारियों को कानून के हिसाब से संचालित करने के लिए छोड़ देना चाहिए था, ताकि सब कुछ सुचारु रुप से हो सके।

मायावती ने आगे कहा कि ऐसे समय में अगर नवनिर्वाचित मेयर सुनीता वर्मा स्वयं खड़ी नहीं हो पाई तो कम-से-कम अधिकारियों को इसका संज्ञान लेकर उनको बताना चाहिए था कि वंदेमातरम गाया जा रहा है। मायावती ने कहा, ‘लोकतांत्रिक परंपराओं के निर्वहन में बसपा कभी किसी से पीछे नहीं रही है और इसी कारण संसद व विधानसभा के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत की परंपरा का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित किया है।

उन्होंने कहा कि मेयर और पार्षदों के शपथ-ग्रहण समारोह का बीजेपी द्वारा अव्यवस्था फैलाकर इसको बसपा के खिलाफ राजनीति के अखाड़े के रुप में इस्तेमाल करके पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की। यह सर्वथा गलत व अशोभनीय है जिसकी बसपा कड़े शब्दों में निंदा करती है।

मायावती ने यह भी कहा कि यह सर्वविदित ही है कि बसपा संविधान कानून एवं लोकतांत्रिक परंपराओं के साथ-साथ देशहित को सर्वोपरि रखती है। यह बाबा साहेब आंबेडकर की सीख है जबकि बीजेपी धर्म, देशभक्ति, राष्ट्रवाद, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत आदि के नाम पर सस्ती राजनीति करके इन मुद्दों को विवाद का विषय बनाती रही है। हालांकि देशहित की मांग है कि इन मामलों को पूरा-पूरा सम्मान देते हुए इन पर किसी भी प्रकार का कोई विवाद पैदा नहीं किया जाए।

मायावती ने कहा कि शहरी निकाय के चुनाव में सत्ताधारी पार्टी होने व सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के बावजूद बीजेपी के 45 प्रतिशत अर्थात लगभग आधे प्रत्याशी अपनी ज़मानत तक नहीं बचा पाए हैं, जिसका क्रोध एवं खीझ उन्हें बसपा पर निकालने के बजाय उन्हें अपने अंदर झांककर देखना चाहिए कि जनता उनसे इतनी ज़्यादा आक्रोशित क्यों हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि शहरी निकाय चुनाव के बाद इस प्रकार की सस्ती राजनीति की शुरुआत स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की जब उन्होंने केवल बीजेपी के विजयी मेयरों को प्रधानमंत्री निवास में दावत पर बुलाया।

बीजेपी मेयरों के लिए अगर यह कार्यक्रम बीजेपी के मुख्यालय में आयोजित किया जाता तो ठीक था। मगर प्रधानमंत्री निवास को भी राजभवन की तरह बीजेपी एवं आरएसएस की गतिविधि के लिए इस्तेमाल किया जाने लगेगा तो फिर बीजेपी द्वारा इस तरह के मामले सामने आएंगे।

वंदेमातरम को लेकर हुआ था हंगामा

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ में नगर निगम में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वंदेमातरम गाने को लेकर हंगामा हो गया था। वंदेमातरम विवाद के बीच मेरठ में होने जा रहे मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के शुरू होने से पहले ही बसपा और बीजेपी पार्षद आमने-सामने आ गए।

शपथ ग्रहण कार्यक्रम के शुरु होते ही बीजेपी के पार्षद खुद खड़े होकर वंदेमातरम गाने लगे। इस दौरान बसपा की मेयर सुनीता वर्मा कुर्सी से खड़ी नहीं हुई। जैसे ही वंदेमातरम बीजेपी के पार्षदों ने खत्म किया। उसके बाद बीजेपी के पार्षद और उसके नेता मोदी और योगी के समर्थन में नारे लगाने लगे।

मौके पर मौजूद अफसरों ने हंगामा कर रहे पार्षदों को किसी तरह समझा-बुझा कर शांत किया, जिसके बाद ही महापौर और पार्षदों की शपथ-ग्रहण कराई जा सकी। इस हंगामे पर बसपा महापौर सुनीता वर्मा ने कहा कि संविधान में वंदेमातरम का उल्लेख नहीं है। सदन में वहीं होगा, जो संविधान में लिखा होगा।

बता दें कि मेरठ नगर निगम बोर्ड में पार्षदों की संख्या 90 है। इनमें बीजेपी के 36, बसपा के 28, सपा के 4,कांग्रेस के 2, रालोद और एमआईएम के एक-एक पार्षद जीत कर आए हैं।

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