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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के बाद विपक्षी पार्टियों के निशाने पर पीएम मोदी

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षी पार्टियों ने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करनी शुरु कर दी है। ना सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने ही बल्कि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी मोदी सरकार के खिलाफ अब मैदान में उतर गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करने वाली पार्टियों ने कई सवाल भी खड़े किए हैं।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के बाद विपक्षी पार्टियों के निशाने पर पीएम मोदी

‘विदेशी अतिथि का स्वागत दिल्ली में नहीं किया गया

कांग्रेस ने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की राजकीय यात्रा राष्ट्रीय राजधानी के बजाय अहमदाबाद से शुरू होने पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि जापान जैसे महत्वपूर्ण देश के प्रधानमंत्री का स्वागत राजधानी दिल्ली में नहीं किया गया। उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि किसी विदेशी अतिथि की राजकीय यात्रा का इस्तेमाल गुजरात के विधानसभा चुनाव में नहीं किया जाएगा'।

'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की वास्तव में देश को आवश्यकता है?'

भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर विरोध प्रकट किया है। शिवसेना ने कहा कि यह परियोजना आम आदमी का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में यह जानना चाहा कि क्या उच्च गति वाली अहमदाबाद-मुंबई ट्रेन परियोजना की वास्तव में देश को आवश्यकता है?

शिवसेना ने कहा, हमें बिना मांगे बुलेट ट्रेन मिल रही है। हमें वास्तव में नहीं पता कि इस परियोजना से कौन की समस्या सुलझेगी। उन्होंने कहा, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भाखड़ा नंगल से लेकर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र तक कई परियोजनाओं की नींव रखी ताकि देश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। देश के लिए इन सभी परियोजनाओं की आवश्यकता थी।

'किसान कर्ज माफी की मांग कई वर्षों से की जा रही है, बुलेट ट्रेन की मांग किसी ने नहीं की' 

शिवसेना ने कहा कि क्या यह बुलेट ट्रेन राष्ट्रीय जरूरतों में फिट बैठती है? संपादकीय में कहा गया है कि 1,08,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के लिए कम से कम 30,000 करोड़ रुपए महाराष्ट्र सरकार से लिए जाएंगे। शिवसेना ने कहा, किसानों के कर्ज माफ करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। बुलेट ट्रेन की मांग किसी ने नहीं की। मोदी का सपना आम आदमी का सपना नहीं है, बल्कि यह अमीरों एवं उद्योगपतियों का सपना है।

संपादकीय में कहा गया है कि जो लोग यह कह रहे हैं कि यह परियोजना रोजगार पैदा करेगी, वे झूठ बोल रहे हैं क्योंकि मशीनरी से लेकर श्रमिकों तक परियोजना के लिए आवश्यक हर चीज जापान लेकर आएगा।

'सैफई को लेकर आरोप लगाने वाले गुजरात में बुलेट ट्रेन चला रहे हैं' 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'हमसे कहा जाता था कि सारी योजनाएं सैफई और इटावा से शुरू की जाती हैं। मगर, अब प्रधानमंत्री अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन शुरू कर रहे हैं, बात तो वही है'। उन्होंने कहा कि अगर ये बुलेट ट्रेन यूपी या बिहार से शुरू होती तो ज्यादा फायदा होता।

इतना ही नहीं, सपा अध्यक्ष ने कितनी अच्छी तस्वीर है कि प्रधानमंत्री मोदी जापान के पीएम के साथ नदी के किनारे बैठे। गोमती का किनारा साबरमती से ज्यादा अच्छा है, लेकिन यहां गोमती नदी का क्या हाल है? अच्छा होता आप रिवर फ्रंट की जांच करते रहते, लेकिन काम चलता रहता तो नदी बची रहती। 

हिन्दी दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन जिस तरह से कर्ज माफी हुई है, उससे किसान निराश हैं। उन्होंने तंज कसा कि इन्हीं को चिंता होती थी कि बेरोजगार को पैसा नहीं मिल रहा है और अब मंच पर पैसा खर्च हो रहा है। अब किसान के कर्ज से ज्यादा पैसा उसके प्रचार पर खर्च हो रहा है। विकास तो नहीं हुआ अब बुलेट ट्रेन की बात हो रही है।

अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा, भाजपा वाले तो खुद को हमसे बेहतर बताते हैं, शायद बेहतर भी हैं, वो तो केवल मंत्रोच्चारण से चीजें ठीक कर देते हैं। इतना ही नहीं वो तो प्रसाद देकर हमारे एमएलएसी तोड़ लेते हैं, हमें भी तो पता चले कि वो आखिर ऐसा कौन सा प्रसाद है।'

इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उस बयान पर भी चुटकी ली जिसमें उन्होंने ठेकेदारों से दाल में नमक बराबर खाने को कहा था। अखिलेश यादव ने कहा, हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री ठेकेदारों से दाल में नमक बराबर खाने को कहते हैं, ये तो अलग ही व्यवस्था चला रहे हैं।

'पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने किया बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास'

बता दें कि गुजरात की धरती पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने देश की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। करीब 1 लाख करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बारे में सरकार ने कहा कि इसे निर्धारित समय से एक साल पहले यानी 2022 में पूरा कर लिया जाएगा।

 

   

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