Advertisement

इस्तीफे के बाद बोले शिवराज सिंह, अब चौकीदारी करने की जिम्मेदारी हमारी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया...
इस्तीफे के बाद बोले शिवराज सिंह, अब चौकीदारी करने की जिम्मेदारी हमारी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के बाद चौहान ने कहा कि मुझे 13 साल राज्य की सेवा करने का मौका मिला। मैंने मुख्यमंत्री बनकर नहीं परिवार का सदस्य बनकर सरकार चलाने की कोशिश की।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जितनी क्षमता मुझमें थी मैंने अपनी टीम के साथ जनता के कल्याण की कोशिश की, जिस वक्त हमने सत्ता संभाली थी प्रदेश बदहाली की स्थिति में था। सड़क, बिजली पानी जैसे मुद्दे अहम थे। 

मेरा काम है रचनात्मक सहयोग, चौकीदारी करने की जिम्मेदारी हमारी

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्ष भी मजबूत है, हमारे पास 109 विधायक हैं। मेरा काम है रचनात्मक सहयोग, चौकीदारी करने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा, जनता का सुख-दुःख मेरा, मैंने परिवार की तरह सरकार चलाई।

मेरे कार्यकाल के दौरान प्रदेशवासियों का यदि दिल दुखा हो तो मैं क्षमाप्रार्थी

शिवराज सिंह ने कहा, 'किसी का दिल दुखे ऐसा काम मैं कभी नहीं करता हूं। अगर मेरे कार्यकाल के दौरान साढ़े सात करोड़ मध्य प्रदेशवासियों का यदि दिल दुखा हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं। हम हमारे केंद्रीय नेतृत्व के आभारी हैं। ये बात सत्य है कि 2009 में हमने 38 प्रतिशत वोट हासिल किए थे सीटें मिली थी 140 से ज्यादा लेकिन इस बार वोट प्रतिशत ज्यादा है लेकिन सीटे कम हैं।'

यदि राज्य में हम हारे हैं तो इसके लिए जिम्मेदार मैं हूं: शिवराज

शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र की इतनी बेहतरीन योजनाओं, राज्य सरकार की बेहतरीन योजनाओं के बावजूद भी यदि राज्य में हम हारे हैं तो इसके लिए जिम्मेदार मैं हूं। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जो वचन दिए है मुझे विश्वास है कि कांग्रेस अपने वायदे को पूरा करेगी। उन्होंने कहा था कि 10 दिन में यदि हमारे सीएम ने कर्ज माफ नहीं किया तो हम उसे बदल देंगे। तो हम चाहते हैं कि कांग्रेस की भावी सरकार ऐसा करेगी।

अब मैं मुक्त हूं, मैं स्वतंत्र हूं: शिवराज

13 सालों से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि हमें स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, इसलिए मैंने राज्यपाल महोदय को इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा, ‘अब मैं मुक्त हूं, मैं स्वतंत्र हूं। मैंने सम्माननीय गवर्नर को अपना इस्तीफा दे दिया है। हार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है। मैंने कमल नाथ जी को बधाई दी है’।

ये है जनादेश

230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं पिछले 15 सालों से सत्तारूढ़ बीजेपी को 109 सीटें मिली है। सूबे में सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है। हालांकि मध्य प्रदेश के सियासी समीकरण में किंगमेकर की भूमिका में मायावती की पार्टी बीएसपी और समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। वहीं निर्दलीय की भूमिका भी यहां अहम है बीएसपी ने दो, समाजवादी पार्टी ने एक और निर्दलीय ने चार सीटों पर कामयाबी पाई है।

भाजपा भी लगा रही थी गणित?

इस बीच बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा किया था। मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष राकेश सिंह ने देर रात ट्वीट कर कहा था, 'प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है। कई निर्दलीय और अन्य बीजेपी के संपर्क में हैं। कल राज्यपाल महोदया से मिलेंगे।' लेकिन शिवराज के ऐलान के बाद कांग्रेस के लिए सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad