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बिहार: कांग्रेस के 19 विधायकों को आरजेडी का साथ मंजूर नहीं, राहुल गांधी के सामने रखी बात

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक और 6 विधान पार्षद हैं। इस सियासी तूफान के बीच बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा है कि एक साजिश के तहत उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार: कांग्रेस के 19 विधायकों को आरजेडी का साथ मंजूर नहीं, राहुल गांधी के सामने रखी बात

बिहार में महागठबंध टूटने के बाद अब कांग्रेस के अंदर से भी बगावती तेवर सामने आने लगे हैं। बिहार में कांग्रेस के 19 विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर आरजेडी से अलग होने की बात कही है। बता दे कि 27 में से 19 विधायकों की इस मांग को पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती है, क्योंकि संवैधानिक तौर पर पार्टी से अलग होने के लिए दो तिहाई (18) विधायकों की जरूरत होती है। अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से ये जानकारी मिली है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, बिहार कांग्रेस में विभाजन के लिए 19 विधायकों का संख्या पर्याप्त है और अलग होने पर इन विधायकों की सदस्यता भी नहीं जाएगी। कानूनन इन विधायकों को अलग गुट या पार्टी बनाने के लिए 18 विधायकों का समथर्न जरूरी है। इससे कांग्रेस नेतृत्व में बेचैनी बढ़ गई है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक और 6 विधान पार्षद हैं। इस सियासी तूफान के बीच बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा है कि एक साजिश के तहत उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी में भीतरघात का खेल चल रहा है, जिसमें पार्टी के कुछ शीर्ष नेता भी शामिल हैं। बगावती तेवर दिखाते हुए अशोक चौधरी ने राहुल गांधी के साथ होने वाली मीटिंग में शिरकत नहीं की। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे।

चर्चा ये भी है कि अशोक चौधरी को 14 कांग्रेसी विधायक और 4 विधान पार्षदों का समर्थन है। यदि 4 विधायक चौधरी की तरफ जाते हैं तो वे अपनी विधायकी बचाने में कामयाब हो जाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का भी कहना है कि कांग्रेसी विधायकों को ललचाने के लिए नीतीश ने अपनी कैबिनेट में 8 जगह खाली छोड़ रखी है। माना जाता है कि अशोक चौधरी को कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह का आशीर्वाद हासिल है। दोनों नेताओं के नीतीश कुमार के साथ अच्छे संबंध हैं। यही वजह है कि प्रदेश के दो बड़े नेताओं की जुगलबंदी से कांग्रेस आलाकमान परेशान है। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा का कहना है कि जेडी(यू) की कांग्रेस तोड़ने की कोशिश कामयाब नहीं होगी। वे (अशोक चौधरी और सदानंद सिंह) 14 विधायकों और चार विधान पार्षद के समर्थन होने का दावा कर रहे हैं तो फिर वे उनका नाम क्यों नहीं बताते।

वहीं भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि हमने राहुल गांधी से कह दिया है कि हमें आरजेडी की जरुरत नहीं है और अगर 2019 के चुनावों में बीजेपी को हराने की जरुरत पड़ेगी तो बाद में हम फिर से आरजेडी का साथ दे देंगे।

गौरतलब है कि बिहार कांग्रेस में मतभेद गुरुवार को उस समय खुलकर सामने आ गया जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने अपने ही कुछ शीर्ष नेताओं पर पार्टी में मतभेद पैदा करने का आरोप लगा दिया। नीतीश के बीजेपी के साथ जाने के बाद से ही बिहार कांग्रेस में टूट की ख़बर आने लगी थी। खबर तो ये भी थी की पार्टी के वही नेता पार्टी तोड़ने में मशगूल हैं जिन पर पार्टी सबसे ज्यादा भरोसा करती है। दिक्कत बस इतनी आ रही है की 27 विधायकों वाली कांग्रेस में टूट के लिए 18 विधायक चाहिए। दल-बदल कानून के मुताबिक अगर दो तिहाई यानी 18 से कम विधायक पार्टी छोड़ेंगे तो सदस्यता जाने का खतरा रहेगा। इन खबरों के बाद राहुल के तेवर भी उन नेताओं को लेकर तल्ख हैं। राहुल खासतौर पर अशोक चौधरी से नाराज बताए जा रहे हैं।


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