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आयुर्वेद के डॉक्टर से गोवा के मुख्यमंत्री तक, जानें प्रमोद सावंत का सियासी सफर

भाजपा के युवा नेता और राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने मंगलवार को गोवा के 11 वें...
आयुर्वेद के डॉक्टर से गोवा के मुख्यमंत्री तक, जानें प्रमोद सावंत का सियासी सफर

भाजपा के युवा नेता और राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने मंगलवार को गोवा के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य नहीं करने के बावजूद उनको यह शीर्ष राजनीतिक पद मिला।

46 वर्षीय सावंत के बारे में कहा जाता है कि वे गोवा में बीजेपी के अकेले विधायक हैं, जो आरएसएस काडर से हैं। गोवा के सीएम बनने से पहले वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। 2017 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया था। वह किसी भी विधानसभा सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे।

सावंत को दिवंगत मनोहर पर्रिकर का बेहद करीबी माना जाता है। उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय भी पर्रिकर को जाता है इसलिए शपथ लेने से पहले प्रमोद सांवत ने कहा, "पार्टी ने मुझे अहम जिम्मेदारी दी है, मैं बेहतर करने की कोशिश कर करूंगा। मैं मनोहर पर्रिकर की वजह से यहां तक पहुंचा हूं, उन्होंने मुझे राजनीति सिखाई। उन्हीं की वजह से विधानसभा का स्पीकर और मुख्यमंत्री बना।"

प्रमोद सावंत का जन्म 24 अप्रैल 1973 को हुआ था। सावंत गोवा में बिचोलिम तालुका के एक गांव कोटोंबी के रहने वाले हैं। सावंत की पत्नी सुलक्षणा वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं और उनकी बेटी कक्षा 6 में पढ़ती है। सावंत ने आयुर्वेद की पढ़ाई की है। सावंत ने आयुर्वेद औषधि में ग्रैजुएशन के बाद पोस्ट ग्रैजुएशन सामाजिक कार्य में किया। पेशे से वे मेडिकल प्रोफेशनल रहे हैं। सावंत का बचपन से आरएसएस से संबंध रहा है। उनके पिता पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। वह भारतीय जनसंघ, भारतीय मजदूर संघ के सक्रिय सदस्य थे।

सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए

उनका राजनीति में आगमन साल 2008 में भाजपा नेतृत्व के आग्रह के बाद हुआ। सांकेलिम (अब साखली) सीट खाली हुई थी जिससे उनको चुनाव लड़ने को कहा गया था। उस वक्त वह मापुसा स्थित उत्तरी जिला अस्पताल में आयुर्वेद के डॉक्टर के तौर पर कार्यरत थे।

भाजपा नेतृत्व के आग्रह के बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और भाजपा प्रत्याशी के तौर पर उपचुनाव लड़ा। हालांकि उस उपचुनाव में वह हार गए थे मगर साल 2012 में विजेता बनकर सामने आए।

सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने

2017 के चुनाव में एक बार फिर वह साखली से निर्वाचित होकर गोवा विधानसभा में आए। 2017 में मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली सरकार में उनको विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। गोवा के राजनीतिक इतिहास में वह सबसे कम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष थे। वह भारतीय युवा जनता मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं।

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