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पश्चिम बंगाल: बाबुल सुप्रियो टीएमसी में हुए शामिल, मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद हाल ही में छोड़ा था बीजेपी का दामन

  हाल तक केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को अचानक तृणमूल कांग्रेस का...
पश्चिम बंगाल: बाबुल सुप्रियो टीएमसी में हुए शामिल, मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद हाल ही में छोड़ा था बीजेपी का दामन

 

हाल तक केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को अचानक तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में बाबुल ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में पिछले फेरबदल में पद गंवाने के बाद बाबुल सुप्रियो ने अपनी नाराजगी का इजहार तो कर दिया था, लेकिन इतनी जल्दी भारतीय जनता पार्टी छोड़कर तृणमूल में चले जाएंगे यह उम्मीद किसी को नहीं थी।

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तृणमूल नेताओं को भी नहीं थी जानकारी

सूत्रों के अनुसार सिर्फ भाजपा के लिए नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के लिए भी यह खबर अचानक आई। तब जब पार्टी ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की। भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव से ऐन पहले ऐसा होगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। भवानीपुर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। उनके खिलाफ भाजपा की प्रत्याशी हैं प्रियंका टिबरेवाल। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने प्रियंका के पक्ष में प्रचार करने के लिए बाबुल का भी नाम दिया था। उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में था। हालांकि बाबुल ने कहा था कि वे भवानीपुर में भाजपा के चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होंगे।

पहले किया था किसी भी दूसरी पार्टी में जाने से इनकार

मंत्री पद छिनने के बाद उन्होंने फेसबुक पोस्ट में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। साथ ही आसनसोल से सांसद पद भी छोड़ने की बात कही थी। उसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे बात की, उस बातचीत के बाद बाबुल ने कहा था कि राजनीति भले छोड़ दूं लेकिन सांसद पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। तब उन्होंने किसी अन्य राजनीतिक दल में जाने से भी इनकार किया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अगले ही रोज उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को झटका दे दिया।

दिलीप घोष के साथ अच्छे नहीं थे संबंध

गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ बाबुल सुप्रियो के संबंध कड़वे बताए जा रहे थे। इसका इजहार उन्होंने अपने पोस्ट और मीडिया से बातचीत में भी किया था। कहा था कि कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच विवाद से पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित हो रहे हैं। बाबुल ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन की थी।

इस बार बाबुल सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीतने में कामयाब नहीं हो सके थे। बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की टॉलीगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। बाबुल ने अपनी पोस्ट के अंत में भावुक अंदाज में कहा है कि 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की नौकरी छोड़कर मुंबई भागते वक्त जो किया था, अब फिर मैंने वह किया है।

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